September 20, 2024

देश बांटने वाली जिन्ना विचार धारा को देश में दुलार क्यों?

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अनुज अवस्थी, नई दिल्ली: विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र कहे जाने वाले इस भारत की दशा देखकर तरस आता है। मौजूदा वक्त में देश जिस हालात से गुजर रहा है अपने आप में बेहद ही चिंतनीय है। अलीगड़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में लगी जिन्ना की तस्वीर ने आजादी के उस संघर्ष को हाशिए पर ला खड़ा किया है जब जिन्ना ने इस देश में हिंदु-मुसलमान के नाम पर व्यापक स्तर पर कत्लेआम करवाया। आजादी से पहले जो हिंदु-मुस्लिम के बीच में भाईचारा था अचानक से ही दोनों समुदाय एक दूसरे को दहशत भरी नजरों से देखने लगे। इस नफरत के पीछे नए देश यानि कि पाकिस्तान की मांग करने वाले जिन्ना ही थे इस बात से भी गुरेज नहीं किया जा सकता।

जब एक तरफ महात्मा गांधी और उनके साथी देश को अंग्रेजों के चुंगल से आजाद कराने के लिए आजादी की पटकथा लिख रहे थे तो दूसरी तरफ होमरुल लीग के नेता मोहम्मद अली जिन्ना भारत-पाकिस्तान बंटवारे की इबारत रच रहे थे। आजादी के बाद शांति के परिचायक और  राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने जिन्ना को बहुत समझाया लेकिन सब व्यर्थ रहा। मौजूदा वक्त में देश में जिस तरीके से जिन्ना के समर्थन में आवाजें बुलंद हो रही है। इन्हें सुनकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे जिन्ना की अात्मा तथाकिथित भारतीय नागरिकों के शरीर में प्रवेश कर गई हो।

बहराल, विडम्बना ये है कि भारत के आजाद होने से अब तक शायद ही ऐसा कोई मुद्दा रहा होगा जिस पर इन राजनैतिक दलों ने सियासी रोटियां न सेकी हों। जिन्ना को लेकर एक तरफ तो भारतीय जनता पार्टी जम कर विरोध कर रही है तो दूसरी तरफ भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के नेता जिन्ना को स्वतंत्रता सेनानी की उपाधि देने में तनिक भी देर न लगाते।

हां ये बात सही है कि अलीगड़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में आजादी के समय से ही जिन्ना की तस्वीरें लगी हुई है। पिछली सरकार ने इस पर तब एक्शन क्यों नहीं लिया ये अपने आप में एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। मसलन, बीत गया सो बीत गया, कम से कम अब तो सरकार कुंभकर्ण रुपी निंद्रा से बाहर आ गई है। तो सरकार को नोटिस जारी कर तत्काल रुप से कार्यवाही करने का आदेश देना चाहिए।

और इस देश में जो अन्ना के सर्मथन में आवाजें उठ रहीं हैं उन्हें समझना होगा कि हमारे मुल्क को दो भागों में बांटने वाला और धर्म के नाम पर हजारों लोगों का कत्लेआम करवाने वाला इस देश का हितैशी नहीं हो सकता। और जब हितेशी नहीं तो फिर जिन्ना का नाम और उनकी विचार धारा को अपने दिल में संजो कर रखने का क्या मतलब?

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