कविता मेरे विचारों को नज़रबंद कर दो. 1 min read 7 years ago Kayam Spread the love Listen मुझ पर कोई तोहमत लगा कर मुझे सियाहखाने में कैद कर दो… मैं बाहर की दुनिया को ना देखूं, न मुझे कोई अंदर झांकें… Continue Reading Previous केसीआर ने विधानसभा भंग किया, अकेले लड़ेंगे चुनावNext आधुनिक युग के उभरते हुए कवि….. ईद मुबारक