May 18, 2024

कविता

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विवेक चतुर्वेदी महज़ रोटी के लिएदो जून भात के लिएमॉं के इलाज के लिएबेटी की फ्राक के लिएमहज़ एक शाम...

वो किताबों में दफ़न और ये बरसात की रुतभीगने आंगन में कोई पंख मचलता है बहुत। एक आकुल सी नदी...

बीजेपी और कांग्रेस को दोनों को किया दरकिनार तेलंगाना : तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने अपना कार्यकाल पूर्ण होने से...

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