भाजपा या कांग्रेस नहीं, भारत देगा पाकिस्तान को जवाब…
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आशीष नामदेव

हम शर्मिंदा है। आतंकी हमलों से हम शर्मिंदा है। हमारे घर में घुस कर हमारे अपने लोगों को आतंकियों ने मार दिया। हम ये भी भूल गए की हम भारत सरकार के लोग है। सब लोगों को भाजपा और कांग्रेस सरकार के लोग दिख रहे है। इतना ही नहीं लोगों ने आतंकियों के खिलाफ प्रदर्शन करना भी शुरू कर दिया है। भारत के हर कोने से सिर्फ एक ही आवाज़ उठ रही है कि पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया जाए, आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारा जाए। वक्त की डोर सिर्फ बदला चाहती है। भारत शांतिदूत बन कर अपनी तरफ से आखरी बार भी शांति का मार्ग पाकिस्तान को दे चुका है, लेकिन पाकिस्तानियों को भारत से महाभारत की उम्मीद है। किताबों में पढ़ी और टीवी में देखी महाभारत के बाद अब आज के युग के लोगों को असली महाभारत देखने की चाहत भी तो है। हज़ारों साल का वक्त एक लंबा समय भी तो होता है, हर पांच सो सालों में शब्दों के मतलब के साथ भाषाओं में परिवर्तन देखने को भी लगातार मिला है। बात यहां धर्म की नहीं है, क्योंकि धर्म का तो असली मतलब ही सनातन है, जिसको लोगों ने अपने मुताबिक बदला भी है। यहां धर्म है उन लोगों को मुंहतोड़ जवाब देने का, जो लोग भारत के सनातन धर्म को भूल गए है। भारत की आर्मी में मुसलमान, हिन्दू, जैन, पंजाबी आदि से लोग आतंक के ख़िलाफ लड़ने वाले है। जान की परवाह किए बिना ही। पाकिस्तान वैसे ही भारत से एक बार मात खाकर बैठा है। वो इस सच से वाकिफ है कि इस बार पाकिस्तान और भारत के बीच में युद्ध हुआ तो पाकिस्तान दोबारा पनप नहीं पाएगा, न इस नुक़सान से न इस सदमे से…। असली बात तो ये है कि हम भारत सरकार की जगह भाजपा सरकार का नाम क्यों ले रहे है, अगर यह बदला भाजपा सरकार लेने वाली है और फिर भारत सरकार की आर्मी इनका साथ देगी या फिर भाजपा नेता सरहद पर लड़ने जाने वाले है। इसलिए सबसे निवेदन है कि भाजपा की जगह सिर्फ भारत के नाम का उपयोग किया जाए। इससे सबके मन में देश के प्रति अपनी निष्ठा दिखेगी, न कि किसी राजनैतिक दल के प्रति, और वहां सरहद पर जो जवान अपनी जान दाव पर लगा कर आतंक और पाकिस्तान के खिलाफ लड़ेंगे वो देश के लिए लड़ेंगे न कि किसी पार्टी, न ही किसी नौकरी के लिए अपनी जान दाव पर लगा रहे है। वह तो अपने परिवार से दूर भारत के लिए हर तरह से युद्ध लड़ेंगे। हम शर्मिंदा है, कश्मीर को राष्ट्रपति शासन की जरूरत है। आख़िर क्यों सुरक्षित नहीं हैं कश्मीर ? कश्मीर में रहने वाले लोग खुलेआम भारत के खिलाफ अपना बयान देते है पाकिस्तान के पक्ष में रहते है, वह पाकिस्तानियों के साथ आतंकियों को भी अपना परिवार मानते है। आज मुझे शौर्य फिल्म में आर्मी ऑफिसर का वो इंटरव्यू याद आ रहा है। जिसमें बताया गया कि दुश्मन सरहद के बाहर ही नहीं सरहद के अंदर भी है। सच में देश के अंदर ही इतने दुश्मन रह रहे है। आखिर क्यों भारत ही इन दुश्मनों को पनाह दे रहा है, हम पहले भी इस गलती के कारण अंग्रेजों के गुलाम बनकर रह चुके है। आज हमारी लड़ाई पाकिस्तान और आतंक के साथ घर के अंदर के दुश्मनों से भी है। द्वितीय विश्व युद्ध में जब अंग्रेजों ने भारतीय लोगों को सैनिक के तौर पर इस्तेमाल किया था वो भी एक गुनाह था। भारतीयों के भोलेपन का फ़ायदा उठाकर अंग्रेजों ने आम भारतीय लोगों को थोड़ी सी ट्रेनिंग देकर अपनी सेना में शामिल किया। जिससे सबसे ज्यादा युद्ध में भारतीय लोग मारे गए। आज हर भारतीय को सेना में भले ही शामिल न किया जाए, लेकिन उसको अपने परिवार की सुरक्षा के लिए जरूर सैनिक का रूप लेना होगा। देश के साथ परिवार का सैनिक भी बनना होगा, उन लोगों के खिलाफ जो देश के अंदर के दुश्मन है। अंदर के दुश्मनों से तो अंदर के ही सैनिकों को धर्म युद्ध लड़ना होगा। हम शर्मिंदा हैं। माफ करना जान देने वालों हम शर्मिंदा है।