August 26, 2025

लोकतंत्र में कराहती शिक्षा पद्धित…

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विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में एक नारा खूब प्रचलित है, और वह नारा है जब पढेगा इंडिया, तभी तो बढ़ेगा इंडिया। लेकिन मौजूदा वक्त में देश के शिक्षा तंत्र की हालत को देखकर कहना पड़ेगा कि ऐसे पढ़ेगा इंडिया, तो कैसे बढे़गा इंडिया। जी हां ऐसा इसलिए कहना पड़ रहा क्योंकि सीबीएससी बोर्ड के  हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा के गणित और अर्थशास्त्र के पेपर परीक्षा होने से पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। दुख इस बात का है कि सीबीएससी को पेपर लीक होने का अंदेशा पहले ही हो चुका था, लेकिन इसके बावजूद भी बोर्ड कुम्भकर्ण की नीद सोता रहा। सीबीएससी के इस आलसी रवैये से छात्र बेहद ही आक्रोशित दिखाई दे रहे हैं। छात्रों का कहना है कि किसी और की गलती की सजा वो क्यों भुगतें।

जब भी किसी भी बोर्ड की परीक्षा आरम्भ होती है तो ये बच्चे दिन-रात एक कर कड़ी मेहनत में जुट जाते हैं ताकि वे अपने आने वाले भविष्य को उज्जवल बना सकें। लेकिन वो इस बात से अनभिज्ञ रहते हैं कि उनकी मेहनत पर पानी फेरने के लिए कुछ अराजक तत्व तैयार बैठे हैं। फिलाल सीबीएससी ने दोनों परीक्षाओं को दुबारा करवाने का फरमान जारी कर दिया है। लेकिन छात्र परीक्षा देने से इंकार कर रहे हैं, करें भी क्यों न रात-रातभर जाग कर परीक्षा की तैयारी जो करते हैं। विडम्बना ये है कि देश का भविष्य कहे जाने वाले इन छात्रों पर भी राजनैतिक दल सियासी रोटियां सेकने में लगे हुए हैं। लगातार आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है, कोई भी इसकी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। इस देश के छात्र अपने आपको जिंदगी के दोराहे पर खड़ा हुआ महसूस कर रहे हैं। क्योंकि हर बार उन्हें ठगा जाता है कभी देश की गिरती शिक्षा व्यवस्था के नाम पर तो कभी परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली करके।

बहराल, मौजूदा वक्त में जो देश के शिक्षा तंत्र के हालात हो चलें है उससे सबक लेकर सरकार को शिक्षा पद्धति के ढ़ांचे पर व्यापक स्तर पर कार्य करने की जरुरत है तभी देश विकास की पटरी पर सरपट दौड़ पाएगा।

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