पापी क्यों है सुखी-और-भगवान का भक्त क्यों है दुःखी जानिए यहाँ …
1 min readपापी क्यों सुखी है और भगवान का भक्त क्यों दुःखी है –
आज हर व्यक्ति जो भगवान का भक्त है जो नित्य मंदिर जाता है खूब पूजा-पाठ करता है उस व्यक्ति को जब दुःख मिलता है यानी बो दुखी रहता है तो वह व्यक्ति जरूर ये प्रश्न करता है की हम इतने आस्तिक होकर भी दुःख क्यों भोगते है और दुष्ट – पापी व्यक्ति सुखी है उनके साथ सब अच्छा होता है लेकिन ऐसा क्यों होता है ये आज आप जान जाएंगे ।
भगवान ने स्वयं कहा है की -आशा ही परमं दुःखं, नैराश्य परमं सुखम्।
यानी भगवान कहते है जो व्यक्ति मुझे किसी सांसारिक वस्तु को प्राप्त करने की आशा से भजता है उसे दुखी ही होना पड़ेगा क्योंकि मेरे पास मनुष्य को देने बाली एक ही अनमोल वस्तु है ।
मोक्ष -मनुष्य जन्म केवल मिलता ही इस लिए है की व्यक्ति भगवान का भजन करें और जन्म मृत्यु के चक्कर से हमेशा के लिए निकालकर वैकुण्ठ में निवास करें।
अगर आप आस्तिक हो तो निश्वार्थ आस्तिक बनो नही तो तुमसे अच्छे तो भगवान को बो नास्तिक लगते है।
पापी जो पाप करता है उसका भुक्त फल मरने के बाद मिलता है लेकिन अब पुनर्जन्म पर विस्वास बो क्यों करें क्योंकि बो तो नास्तिक है ।
अगर आपको भगवान की भक्ति करनी है, तो निस्वार्थभाव से करो।