गणेश चतुर्थी आज, कोरोना के कारण घरों तक ही सिमित रहेगा उत्सव
1 min readआज से गणेश उत्सव शुरू हो रहा है, लेकिन इस बार इसकी धूम कम देखने को मिलेगी। कोरोना महामारी का असर इस इस उत्सव पर भी देखने को मिलेगा। हालांकि लोग घरों में ही बप्पा की पूजा कर त्योहार मनाएगे। शिवपुराण अनुसार भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी को मंगलमूर्ति भगवान गणेशजी का जन्म हुआ था। अपने माता-पिता की परिक्रमा लगाने के कारण शिव-पार्वती ने उन्हें विश्व में सर्वप्रथम पूजे जाने का वरदान दिया था। तभी से ही भारत में गणेश पूजा-आराधना का प्रचलन है। प्राचीनकाल में बालकों का विद्या-अध्ययन आज के दिन से ही प्रारंभ हुआ करता था। हिन्दुओं के आदिदेव महादेव के पुत्र गणेशजी का स्थान विशिष्ट है। कोई भी धार्मिक उत्सव, यज्ञ, पूजन हो या फिर मांगलिक कार्य हो, गणेशजी की पूजा के बगैर शुरू नहीं हो सकता। निर्विघ्न कार्य संपन्न हो इसलिए शुभ के रूप में गणेशजी की पूजा सबसे पहले की जाती है। गणेश चतुर्थी के त्यौहार पर पूजा प्रारंभ होने की सही तारीख अभी तक नहीं पता है, लेकिन इतिहास के अनुसार, यह अनुमान लगाया गया है कि गणेश चतुर्थी 1630-1680 के दौरान शिवाजी (मराठा साम्राज्य के संस्थापक) के समय में एक सार्वजनिक समारोह के रूप में मनाई जाती थी। शिवाजी के समय, यह गणेशोत्सव उनके साम्राज्य के कुलदेवता के रूप में नियमित रूप से मनाना शुरू किया गया था। पेशवाओं के अंत के बाद, यह एक पारिवारिक उत्सव बना रहा, यह 1893 में लोकमान्य तिलक द्वारा पुनर्जीवित किया गया और तब से हर साल गणेश उत्सव पूरे देश मे मनाया जाता है।