88 करोड़ से लौटेगा चित्रकूट का वैभव
1 min readसतना- सरकार द्वारा चित्रकूट के विकास को अयोध्या की तर्ज पर किए जाने की घोषणा के बाद इस परियोजना को जमीन पर उतारने की प्रक्रिया तेजी से शुरू हो गई है। समग्र विकास के लिए नियुक्त की गईं दो कंसल्टेंट एजेंसियों ने अपना सर्वे कार्य पूरा कर लिया है। जिला प्रशासन ने पहले चरण में होने वाले कार्यों की सूची प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग को भेज दी है।
400 करोड़ के होंगे काम, पहला चरण 88 करोड़ का
इस सूची में पहले चरण के 88 करोड़ रुपए के कामों की कार्ययोजना प्रस्तुत की गई है। करीब 6.11करोड़ में प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे, जबकि 7.30 करोड़ में सात्विक भोजनालय बनाया जाएगा। बता दें कि 400 करोड़ रुपए के कार्य किए जाने की बात मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में कही गई थी। चित्रकूट नगर के विकास के लिए प्रमुख सचिव नगरीय विकास ने फरवरी में विस्तृत योजना तैयार करने के निर्देश दिए थे। इसके अनुसार, संभागीय संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं विकास रीवा को डीपीआर बनाने के निर्देश दिए गए थे। गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल ने डीपीआर तैयार कर प्रमुख सचिव को भेज दिया है।
प्रथम चरण में होंगे यह कार्य
हनुमान धारा परिसर का पुनर्विकास: 11.66 करोड़ रुपए
गुप्त गोदावरी परिसर का पुनर्विकास: 13.93 करोड़ रुपए
मां सती अनुसुइया परिसर का पुनर्विकास: 14.21 करोड़ रुपए
भक्त निवास एवं वीआईपी गेस्ट हाउस: 17.15 करोड़ रुपए
प्रवेश द्वार: 6.11 करोड़ रुपए
सात्विक भोजनालय भवन: 7.30 करोड़ रुपए
कुल योजना लागत: 70.38 करोड़ रुपए
सुपरविजन में खर्च हाेंगे 4.22 करोड़
कार्य योजना के सुपरविजन का काम अलग एजेंसी को दिया जाएगा। इसके लिए योजना लागत का 6 फीसदी सुपरविजन चार्ज तय किया गया है। यह 4.22 करोड़ रुपए है। सुपरविजन चार्ज में जीएसटी 76.02 लाख और योजना लागत में जीएसटी 12.67 करोड़ होती है। इस तरह प्रथम फेज की कुल योजना लागत 88.04 करोड़ रुपए आई है।
भारत विमर्श भोपाल मध्य प्रदेश