April 30, 2024

सर्वे में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग पर कोर्ट का फैसला टला

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वाराणसी – ज्ञानवापी परिसर में सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग में फैसला टल गया है। सुनवाई की अगली तारीख 11 अक्तूबर को मिली है।
ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन और अन्य विग्रहों के सरंक्षण की याचिका में शुक्रवार जिला जज की अदालत में अगली तारीख 11 अक्तूबर नियत की गई है। शिवलिंग की जांच की मांग पर 11 अक्तूबर को आदेश आने की संभावना है। इस मामले में वादी पक्ष की चार महिलाओं ने सर्वे में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग या किसी अन्य आधुनिक विधि से जांच की मांग की है। जबकि एक वादी राखी सिंह ने कार्बन डेटिंग का विरोध किया है
प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष ने भी कार्बन डेटिंग का विरोध किया है। शुक्रवार को न्यायालय में शोक का चलते अधिवक्ताओं ने न्यायिक कार्य नहीं करने का प्रस्ताव पास किया है। इसके चलते न्यायालय में इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई।

वादी पक्ष बोला- वैज्ञानिक पद्धति से कराई जाए जांच
न्यायालय ने अगली तारीख नियत करने से पहले वादी पक्ष से पूछा की कार्बन डेटिंग से उस स्थान का क्षरण तो नहीं होगा। इस वादी पक्ष ने वैज्ञानिक पद्धति से जांच की मांग की। मुस्लिम पक्ष ने इस पर आपत्ति की है। मुस्लिम पक्ष 11 अक्तूबर को अपनी आपत्ति दाखिल करेगा। वादी राखी सिंह की ओर से कर्माइकल लाइब्रेरी में मिली गणेश लक्ष्मी की प्रतिमा को संरक्षित करने के आवेदन पर भी 11 को ही सुनवाई होगी।
हिंदू पक्ष कोर्ट के लिए निकला
वादी पक्ष कोर्ट के लिए रवाना हुआ। कोर्ट के फैसले का सबको बेसब्री से इंतजार है।

फैसले से पहले हिंदू पक्ष के लोगों ने पूजा-पाठ और हवन किया
ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराने को लेकर आज फैसला आएगा। कोर्ट के फैसले से पहले हिंदू पक्ष के लोगों ने पूजा-पाठ और हवन किया। भगवान से हिंदू पक्ष में फैसला आने की कामना की।
इसमें 29 सितंबर को हुई पिछली सुनवाई में कार्बन डेटिंग पर वादी पक्ष ही आमने-सामने आ गया था। जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में चार महिला वादियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन व विष्णु जैन ने मांग की है कि शिवलिंग के नीचे अरघे और आसपास की जांच कराई जाए।

‘कार्बन डेटिंग से शिवलिंग के खंडित होने का अंदेशा

उन्होंने यह भी कहा था कि यह काम शिवलिंग को छेड़छाड़ किए बिना होना चाहिए, यह चाहे कार्बन डेटिंग से हो या किसी अन्य तरीके से किया जाए। वहीं वादी राखी सिंह के अधिवक्ता ने कार्बन डेटिंग से शिवलिंग के खंडित होने का अंदेशा जताया था। जबकि मुस्लिम पक्ष ने पत्थर और लकड़ी की कार्बन डेटिंग नहीं होने का हवाला दिया था। इस मामले में बहस पूरी होने के बाद जिला जज ने सात अक्तूबर की तारीख आदेश के लिए नियत की है।

भारत विमर्श भोपाल मध्य प्रदेश

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