फर्जी फायर एनओसी के मामले में सतना SP ने किया बड़ा खुलासा
1 min readसतना – मेफर्जी फायर एनओसी बनाने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें पूरी तरह से फर्जी डॉक्यूमेंटेशन कर फर्जी एनओसी बनाई जा रही थी, आरोपी खरगोन जिले का है, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, आरोपी पैसे लेकर फर्जी फायर एनओसी बनाने का काम करता था, मामले में दो अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है जिनकी संलिप्तता इस मामले पर पाई गई है.
आपको बता दे कि जबलपुर के एक निजी अस्पताल में हुए अग्निकांड के बाद सतना जिला प्रशासन हरकत में आया था और जिले के तमाम अस्पतालों की जांच पड़ताल की गई थी, जिसमें सतना के समरेटन अस्पताल द्वारा फर्जी फायर एनओसी जिला प्रशासन को दी गई, वहीं से मामले ने तूल पकड़ा और आज पुलिस ने इस फायर एनओसी का पर्दाफाश किया है।
जबलपुर के एक निजी अस्पताल में हुए अग्निकांड के बाद सतना जिला प्रशासन हरकत में आया और सतना जिले के तमाम निजी अस्पतालों की जांच पड़ताल की गई जांच में पाया गया कि ऐसे 43 अस्पताल हैं जिनके पास नातो फायर एनओसी है और ना ही फायर सेफ्टी से संबंधित कोई उपकरण, यानी कि ऐसे में यदि किसी प्रकार की घटना अस्पताल में होती है तो स्थिति को काबू करने के लिए अस्पतालों के पास कोई व्यवस्था नहीं है.
लिहाजा जिला प्रशासन ने शक्ति से इन सभी अस्पतालों को फायर सेफ्टी की व्यवस्था करने के लिए दबाव बनाया इस दौरान सतना के समरेटन अस्पताल द्वारा फायर एनओसी जिला प्रशासन को दी गई, जांच करने पर वह एनओसी पूरी तरह से फर्जी पाई गई, लिहाजा इस फर्जी फायर एनओसी की जांच पड़ताल की गई पुलिस ने मामला कायम किया और फायर एनओसी बनाने वाले आरोपी को ढूंढ निकाला.
पुलिस ने बताया कि आरोपी प्रमोद विश्वकर्मा जोकि खरगोन जिले का रहने वाला है पैसे लेकर फर्जी तरीके से फायर एनओसी बनाता है, सतना के समरेटन अस्पताल की फायर एनओसी भी उसी व्यक्ति ने बनाई थी, पुलिस ने प्रमोद विश्वकर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, यही नहीं समरेटन अस्पताल के प्रवन्धक जस्टिंग वीडी और पीआरओ फादर पाल वर्गीज को सह आरोपी बनाया गया है, जिनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे है।
आहेस लारिया ब्यूरोचीफ भारत विमर्श सतना म०प्र०