चीखती चिल्लाती माँ मंदाकिनी, कह रही है मुझे बचा लो मुझे बचा लो
1 min readचित्रकूट- आस्था का प्रतीक कहे जाने वाले धर्म नगरी चित्रकूट में माँ मंदाकिनी नदी चीखती चिल्लाती कह रही है कि मुझे बचा लो मुझे बचा लो। लेकिन कोई माँ की आवाज सुनने को ही तैयार नही है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो अब वो दिन दूर नही है जब मंदाकिनी का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। मंदाकिनी नदी में जगह- जगह उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के बाजारों का गंदे नालो का पानी और घाट किनारे बने शुलभ शौचालयों का मल मूत्र मंदाकिनी नदी में ही जा रहा है जिससे नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है जबकि मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश की सरकार मंदाकिनी के नाम पर बड़े बड़े दावे कर कागजों पर करोड़ों रुपये के प्रॉजेक्ट तैयार करती है। लेकिन जमीनी हकीकत में कोई प्रॉजेक्ट मंदाकिनी को बचाने के लिए अब तक लागू नही हुआ वहीं बड़े से बड़े समाज सेवी मंदाकिनी को संरक्षित करने के नाम पर वाह वाही लूटने में हमेसा लगे रहते है,लेकिन अब तक किसी ने मंदाकिनी की साफ-सफाई से लेकर होने वाले गंदगी को रोकने में कामयाब नहीं हो सके,जबकि उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के नेता,मंत्री आये दिन माँ मंदाकिनी गंगा आरती में शामिल होते हैं लेकिन किसी को भी गंदे नाले नजर नही आते है। देखा जा रहा है कि नदी का जल स्तर बेहद ही कम हो चुका है अब वो दिन दूर नही जब मंदाकिनी नदी विलुप्त हो जाएगी जिस तरह से चित्रकूट की अन्य दो नदियां सरयू और पयस्वनी बिलुप्त हो चुकी है उसी तरह मंदाकिनी भी बिलुप्त होने जा रही रही है। जिससे कि चित्रकूट का अस्तित्व समाप्त हो जायेगा।
जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट म०प्र०