अम्बेडकर की मूर्ति तोड़ने बाले का नाम जानकर प्रशासन भी हैरान..
1 min readदेश में मूर्ति टूटने पर विवाद खड़ा हो गया था कई सम्मानित लोगों की मूर्ति एक साथ टूट जाना किसी साज़िश की ओर इशारा कर रही थी तो वहीँ उत्तर प्रदेश के मेरठ तथा आजमगढ़ में अंबेडकर की मूर्ती तोडी गयी. अम्बेडकर की मूर्ती तोड़े जाने के बाद देश में बबाल शुरू हो गया. अब आजमगढ़ में अम्बेडकर की मूर्ती तोड़े जाने के मामले में एक सनसनी फैला देने वाला खुलासा हुआ है जिसे जानकर शासन से प्रशासन तक हैरान रह गया है.
खबर के मुताबिक़ आजमगढ़ जिले के कप्तानगंज थाना क्षेत्र के राजपट्टी गांव में अम्बेडकर की मूर्ती किसी और ने नहीं बल्कि एक दलित ने ही तोडी थी.आपको बता दे कि दलित ही तो है जो अंबेडकर को भगवान की तरह पूजते है, आजमगढ़ में अम्बेडकर की प्रतिमा तोड़ने के आरोपी राम अवध को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। राम अवध उसी राजपट्टी गाँव का रहने वाला है जिस गाँव में मूर्ती तोडी गयी थी. सबसे आश्चर्यजनक बात ये है मूर्ती तोड़ने वाला राम अवध दलित समाज से ही ताल्लुक रखता है. खबर के मुताबिक दलित राम अवध ने रात को हथौड़े से अम्बेडकर की प्रतिमा का सर तोड़ दिया था।
अब इससे एक बात स्पष्ट हो जाती है कि हिन्दू समाज को बदनाम करने के लिए हिन्दू समाज में आपसी मतभेद करने के लिए एक साजिश के तहत एक दलित युवक ने ही अम्बेडकर की प्रतिमा को ढहा दिया. मूर्ती तोड़े जाने के पीछे राम अवध का मकसद था इस बहाने संघ व भाजपा पर हमला किया जाएगा तथा हिन्दू समाज का विघटन होगा. राम अवध तथाकथित दलित समाज की राजनीति करने वाली एक राजनैतिक पार्टी से सम्बन्ध रखता है.इतना ही नहीं राम अवध को ऐसी पार्टियों से फंडिंग भी मिलती है. इनकी सोच कितनी निम्न है तथा हिन्दुओं के प्रति कितनी कटुता भरी हुई है कि ये लोग जिन अम्बेडकर के आदर्शों को मानते हैं वहीं अपनी राजनीति के लिए उन्हीं अम्बेडकर की मूर्ती को भी स्वयं ही तोड़ देते हैं. इससे इनके देश विरोधी चरित्र का पता चलता है.