राम चरित मानस सुदर्शन महाविद्यालय द्वारा भेंट किया गया
1 min readचित्रकूट- गोस्वामी तुलसीदास की विश्व विख्यात कृति राम चरित मानस को ‘नाना पुराण निगमागम सम्मत’ सिद्ध करने वाला ग्रंथ आज तुलसी शोध संस्था, चित्रकूट को डाॅ0 रमेश प्रताप सिंह, प्राचार्य, सुदर्शन महावि0 लालगाॅव, रीवा (म.प्र.) द्वारा आदर के साथ भेंट किया गया। संस्थान के विशद पुस्ताकालय और पाण्डुलिपि संग्रहालय को सौ वर्ष पुराना यह दुर्लभ ग्रंथ और हासिल हुआ।
ज्ञातव्य है कि यह ग्रंथ रायबरेली के राव रण बहादुर सिंह द्वारा सत्ताइस वर्ष तक लगातार पंडितों को बुलाकर अनेकानेक ग्रंथों द्वारा सम्मत सिद्ध किया गया। यह प्रति डाॅ. रमेश प्रताप सिंह, जो स्वयं राम कथा अनुरागी हैं, उनकी राम कथा पर कृति भी है ‘राम कथा जग मगंल करनी’ जिसकी प्रतियाॅ भी संस्थान को भेट की। तुलसी शोध संस्थान नयागांव चित्रकूट, सतना, मध्य प्रदेश के पूर्व निदेशक एवं राम कथा मर्मज्ञ प्रो. अवधेश प्रसाद पाण्डेय और लेखक, मूर्तिकार डाॅ. प्रणय की उपस्थिति ने इस घड़ी को गौरवान्वित किया। तुलसी शोध संस्थान के कर्मचारियों में से श्री रामेश्वर पटेल, श्री राधा मोहन मिश्र आदि ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
सुभाष पटेल की रिपोर्ट के अनुसार जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता विमर्श चित्रकूट म०प्र०