May 22, 2024

जाने सरकार के बजट से देश का युवा क्यों हुया मायूस

1 min read
Spread the love

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने आज अपने कार्यकाल के आखरी बजट को संसद में पेश किया। इस बजट के लेकर देश खासा आस लगाए हुए था, लेकिन सरकार ने युवाओं की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। जी हां देश का युवा तबका सरकार के इस बजट से खासा नराज और मायूस दिखाई दे रहा है। देश के नौकरीपेशा लोगों को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को बजट पेश करते हुए निराश किया। उम्मीद जताई जा रही थी कि चुनावों वाले इस साल में सरकार टैक्स स्लैब में बदलाव कर कुछ राहत दे सकती है। हालांकि, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। सरकार ने टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है। हालांकि, स्टैंडर्ड डिडक्शन स्कीम को दोबारा लाया गया है। इस स्कीम के मुताबिक, नौकरीपेशा लोगों को ट्रांसपोर्ट और मेडिकल खर्च के मद में ग्रॉस सैलरी से 40 हजार रुपये घटाकर उस आमदनी पर टैक्स देना होगा। सरकार ने इनकम टैक्स पर सेस बढ़ाने का भी प्रावधान किया है। वहीं, बुर्जुगों को 80 डी के तहत मिलने वाली मेडिकल क्लेम की सीमा को बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया। इसके अलावा, सीनियर सिटीजंस को बैंक डिपॉजिट पर ब्याज पर छूट की सीमा को भी बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया।



सरकार ने 25 प्रतिशत कॉरपोरेट टैक्स रेट की छूट को अब 250 करोड़ रेवेन्यू वाली कंपनियों को देने का फैसला किया है। इसके अलावा 100 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाली किसान उत्पादों वाली कंपनियों को टैक्स में 100 प्रतिशत छूट देने की घोषणा की गई है। इक्विटी ओरिएंटेड म्युचुअल फंड्स से होने वाली कमाई पर 10 प्रतिशत टैक्स लगाने का ऐलान किया गया। मोबाइल फोन पर भी कस्टम ड्यूटी 15 पर्सेंट से बढ़ाकर 20 पर्सेंट करने का ऐलान किया गया है। जेटली ने बताया कि टैक्सदाताओं की संख्या बढ़ रही है, लेकिन रेवेन्यू में इजाफा नहीं हो रहा। वित्त मंत्री ने बताया कि टैक्सदाताओं की संख्या 2014-15 में 6.47 करोड़ से बढ़कर 2016-17 में 8.27 करोड़ हो गई। वित्त मंत्री ने सरकार के नोटबंदी की भी तारीफ की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved Powered By Fox Tech Solution | Newsphere by AF themes.