May 16, 2024

उत्तर प्रदेश में शिक्षक भर्ती का महा घोटाला, रोजगार के नाम पर फेल सरकार

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बेसिक शिक्षा परिषद का फर्जीवाड़ा,आक्रोशित शिक्षको का सड़कों पर विरोध प्रदर्शन

बलिया में भावी शिक्षको ने अपर जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए

बलिया/ न्यूज़ डेस्क: उत्तर प्रदेश के शिक्षकों को फिलहाल न्याय मिलता नहीं दिखाई दे रहा है, पिछले 2 सालों से 69000 न्याय की आस में बैठे हैं। शिक्षकों की मांग है कि सरकार 31277 चयनित अध्यापको में से शैक्षणिक गुणांक वाले अध्यापको से पहले उच्च शैक्षणिक गुणांक वाले अध्यापकों को नियुक्ति दे। साथ ही 69000 अध्यापकों के केस का रिजर्व आर्डर जल्द से जल्द सुनाए, जिससे सभी चयनित अध्यापकों को नियुक्ति मिल सके।

आपको बता दें कि यह मामला पिछले 2 सालों से न्यायालय में अटका हुआ है। न्यायालय में इस बात पर मामला अटका हुआ है कि नियुक्ति के लिए क्या पासिंग मार्क रखा जाए। वहीं दूसरी तरफ सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं होगा इसी के चलते 60% OBC का 65%  GEN का कटऑफ तय कर रखा है। लेकिन इसके बावजूद भी प्रथम काउंसिलिंग में हाई मेरिट वाले शिक्षकों को भर्ती से पहले ही बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

वहीं यह मामला न्यायालय के सिंगल बेंच पर 40 %से 45 % पर निश्चित किया गया यानी कि यह फैसला सरकार के पक्ष में नही दिया गया। लेकिन तीन जुलाई को शिक्षकों द्वारा कोर्ट में स्टे आर्डर ले लिया गया जिसका निर्णय 14 जुलाई 2020 को होना था, पर अभी तक कोर्ट का कोई फैसला नहीं आया। उसके बाद 24 जुलाई को निर्णय  दिया गया कि 60% से 65 % प्रतिशत पर नियुक्तियां होंगी जिसमें 37000 पद रोक दिए गए। साथ ही 31277 शिक्षकों को ही नियुक्ति पत्र दिया गया इसी कारण यह सब अपने अपने  जिलों में ज्ञापन सौंप रहें है। अगर आगे भी इनका सुनवाई नहीं की गई तो आने वाले समय सभी से धरना प्रदर्शन करने की अपील की गई है।

पिछले दो सालों से कोर्ट  में अटकी भटकी लटकी है भर्ती , कोर्ट के चक्कर लगाने  के बावजूद भी नहीं मिल पा रहा न्याय उत्तर प्रदेश में 69000 शिक्षकों का आरोप है कि सरकार 31277 में चयनित अध्यापको में निम्न शैक्षणिक गुणाक वाले अध्यापको से पहले उच्च शैक्षणिक गुणाक वाले अध्यापको को नियुक्ति दे। सरकार न्यायालय में 69000 अध्यापको के केस का रिजर्व आर्डर  को जल्द से जल्द सुनाने के लिए अपील करे। जिससे  सभी चयनित अध्यपको को नियुक्ति मिल सके । न्यायालय में यह पिछले दो वर्षों से  मामला चल रहा था लेकिन न्यायालय के द्वारा कोई पासिंग मार्क तय नहीं किया गया है अभी  लेकिन सरकार के द्वारा 60 से 65  फ़ीसदी अंक पाने वाले अधयापक नियुक्ति के हकदार है । उसके पश्चात शिक्षकों द्वारा यह मामला न्यायालय में पहुंचाया गया। न्यायालय में इस बात पर मामला अटका हुआ है कि नियुक्ति के लिए क्या पासिंग मार्क रखा जाए वही दूसरी तरफ सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नही होगा ऐसी क्रम में 60% OBC का 65%  GEN का कटऑफ तय कर दी लेकिन इसके वावजूद भी प्रथम काउंसिलिंग में हाई मेरिट वाले शिक्षक भर्ती से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया ।लेकिन यह मामला न्यायालय के सिंगल बेंच पर 40 %से 45 %निश्चित किया गया यानी कि यह फैसला सरकार के पक्ष में नही दिया गया लेकिन तीन जुलाई को शिक्षकों द्वारा कोर्ट में स्टे आर्डर ले लिया गया जिसका निर्णय 14 जुलाई 2020 को होना था, लेकिन अभी तक कोर्ट का कोई फैसला नहीं आया उसके बाद 24 जुलाई को निर्णय  दिया गया कि 60% से 65 % प्रतिशत पर नियुक्तियां होंगी जिसमें 37000 पद रोक दिए गए साथ ही 31277 शिक्षकों को ही नियुक्ति पत्र दिया गया इसी कारण यह सब अपने अपने  जिलों में ज्ञापन सौंप रही है वह साथ ही  प्रदेश भर में आगामी समय मे धरना प्रदर्शन करने की अपील की है।

अभिषेक सिंह की रिपोर्ट के साथ संदीप कुमार ब्यूरो चीफ

भारत विमर्श न्यूज, जौनपुर

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