कोरोना वायरस ने बदली त्योहारों की रंगत
1 min readदुर्गा पूजा की संक्षिप्त इतिहास
जौनपुर /ब्यूरो : पुराणों की मान्यता के अनुसार रामायण में राम, रावण से युद्ध के दौरान देवी दुर्गा को आह्वान करते हैं। यद्यपि उन्हें पारम्परिक रूप से वसन्त के समय पूजा जाता था लेकिन युद्ध की आकस्मिकता के कारण, राम ने देवी दुर्गा का शीतकाल में अकाल बोधन आह्वान किया था तब से ऐसी मान्यता है दुर्गा पूजा मूर्ति पूजा के रूप में मनाया जाता है , दुर्गा बलिदान की रस्म को नवमी के लिए पूरा किया जाता है. इसका संबंध पशु बलि से था लेकिन आज के दौर में लोग इसकी जगह सब्ज़ियों के साथ सांकेतिक बलि देकर इस रस्म की अदायगी करते हैं. नवरात्रि नवमी के दिन इस प्रथा का पालन पूरे विधि विधान के साथ किया जाता है
संदीप कुमार ब्यूरो चीफ, भारत विमर्श न्यूज़ जौनपुर