जलियांवाला बाग हत्या कांड की 100वीं बरसी पर राहुल गांधी ने दी शहीदों को श्रद्धांजलि
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अमृतसर: जलियांवाला बाग हत्या कांड एक ऐसा हत्या कांड जिसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता. आज से ठीक 100 साल पहले 13 अप्रैल 1919 को अंग्रेजो ने इस बर्बरता पूर्ण कायराना घटना को अंजाम दिया था. आजादी के बाद से अमृतसर के इस भूमि पर हर साल एक खास कार्यक्रम होता है और इसी बीच आज यहां पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पहुंचे. राहुल गांधी के साथ प्रदेश के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू और पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी.
इस मौके पर ब्रिटिश उच्चायुक्त सर डोमिनिक एसक्विथ ने पहुंचकर भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी. आज ही इस कार्यक्रम में उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और पंजाब के राज्यपाल शहीदों को श्रदांजलि देंगे.

ब्रिटिश उच्चायुक्त सर डोमिनिक एसक्विथ
आज शहीदों के श्रद्धांजलि देने के बाद शहीदों की याद में सिक्का और डाक टिकट भी जारी किया जाएगा. शुक्रवार की रात को पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कैंडल मार्च निकालकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी.
जलियांवाला बाग हत्याकांड के बारे में देश के बच्चे को पता है. आज से 100 साल पहले 13 अप्रैल 1919 को इस नरसंहार को अंग्रेजो दुवारा अंजाम दिया गया था. इस दिन बैसाखी का त्यौहार था और भारत की आजादी के लिए करीब 15 से 20 हजार हिंदुस्तानी जनसभा कर रहे थे जो पंजाब के दो नेताओं की गिरफ्तारी के लिए हो रही थी.
जनरल डायर को ब्रिटिश सरकार ने अमृतसर भेज दिया और जनरल डायर अपने साथ करीब 90 सैनिकों को लेकर जलियांवाला बाग में 4 बजे के करीब पहुंच गया. इसके बाद जनरल डायर ने सभा कर रहे हिंदुस्तानियों को उपर गोलियां चलवा दीं और करीब 10 मिनट में हुई इस फायरिंग में अंग्रजो की बंदूकों से 1650 राउंड निकले. गोलियां तब तक चलती रही जब तक अंग्रेजों की गोलियां नहीं खत्म हुईं थी इस दौरान अंग्रेजों के आंकड़ों के अनुसार करीब 379 लोगों की मौत बताई गई और कुछ लोग जान बचाने के चक्कर में कुएं में भी कूदें जहां से 120 लाशों को बाहर निकाला गया था.