गुजरात के दलित बहुल इलाकों में दिखा भारत बंद का असर
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नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट द्वारा SC-ST आरक्षण में क्रिमीलेयर और उपवर्गीकरण करने के फैसले के खिलाफ अनुसूचित जाति जनजाति प्रकोष्ठ मोर्चा ने 21 अगस्त यानी कि आज भारत बंद (Bharat Band On SC,ST Reservation) बुलाया है. क्रीमीलेयर के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ कई दलित और आदिवासी संगठनों ने ये बंद बुलाया है. इसके साथ ही उन्होंने कई मांगों की एक लिस्ट भी जारी की है. उनकी ये मांग अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए है. दलित और आदिलासी संगठनों के भारत बंद को कई राजनीतिक संगठनों का भी समर्थन हासिल है।
क्यों बुलाया भारत बंद?
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों एक फैसला सुनाया था, जिसमें कहा गया था कि सभी SC-ST जातियां और जनजातियां समान वर्ग नहीं हैं. कई जातियां ज्यादा पिछड़ी हो सकती हैं. इसके लिए अदालत ने सीवर की सफाई करने वाले और बुनकर का काम करने वालों का उदाहरण दिया था. उन्होंने कहा कि ये दोनों ही जातियां SC कैटेगरी में आती हैं. इस जाति से आने वाले लोग बाकी लोगों से ज्यादा पिछड़े हैं।
उप्र में ‘भारत बंद’ का मामूली असर, दलित आरक्षण के समर्थन में संगठनों ने निकाले जुलूस
आरक्षण से संबंधित उच्चतम न्यायालय के हाल के आदेश को लेकर विभिन्न संगठनों द्वारा बुधवार को आहूत ‘भारत बंद’ का उत्तर प्रदेश में मामूली असर रहा. आरक्षण के समर्थन में राज्य के कई हिस्सों में दलित संगठनों ने जुलूस निकाले, पदयात्रा की और प्रदर्शन किया।
राज्य में ज्यादातर दुकानें खुली रहीं और कामकाज सामान्य रूप से चलता रहा. अनुसूचित जातियों (एससी) के आरक्षण पर उच्चतम न्यायालय के हाल के एक आदेश से असहमत कुछ समूहों द्वारा आहूत एक दिन के ‘भारत बंद’ के मद्देनजर सुरक्षा बढ़ा दी गई।
गुजरात के आदिवासी और दलित बहुल इलाकों में दिखा भारत बंद का असर
अनुसूचित जातियों (एससी) का उप-वर्गीकरण करने संबंधी उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ कुछ दलित और आदिवासी समूहों के बुधवार को एक दिवसीय ‘भारत बंद’ के दौरान गुजरात में प्रदर्शनकारियों ने एक मालगाड़ी और सड़कें अवरुद्ध कर दीं।
गुजरात के छोटा उदयपुर, नर्मदा, सुरेंद्रनगर, साबरकांठा और अरावली जैसे जिलों के आदिवासी और दलित समुदाय बहुल इलाकों में बंद का असर देखने को मिला, जहां बाजार बंद रहे।
भारत विमर्श भोपाल मध्य प्रदेश