May 16, 2024

अंतरिम बजट: कांग्रेस से एक कदम आगे कि राजनीति

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क़ायम साबरी

दिल्ली: नरेन्द्र मोदी सरकार ने अपना अंतरिम बजट पेश किया. अरुण जेटली के बीमार होने के कारण उनका कार्य पीयूष गोयल ने निभाया. लोकसभा में बजट पेश करते हुए पीयूष गोयल ने मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाई हैं. जैसा की अंतरिम बजट लोकलुभावन बजट ही होता है, गोयल ने भी इसे बख़ूबी अंजाम दिया. कांग्रेस जिस तरह से किसान राजनीति कर रही है, भाजपा ने उससे एक कदम आगे की राजनीति करते हुए आम आदमी पर अपना बजट फ़ोकस किया.

गोयल ने इस अंतरिम बजट में मिडिल क्लास के साथ किसान मजदुर को भी बांधने कि कोशिश की. सरकार ने मिडिल क्लास, नौकरी, पेशा वालों के लिए बहुत बड़ा ऐलान करते हुए आयकर छूट की सीमा 2.5 लाख ही रखी है लेकिन आयकर रियायत को 2500 से बढ़ाकर 12500 कर दिया है जिससे 5 लाख तक की सालाना कमाई वालों को अब कोई टैक्स नहीं देना होगा. साथ ही 80 सी, 80 डी समेत तमाम तरह की छूट पहले की तरह ही हैं. इस तरह कोई नौकरी पेशा अगर बीमा, निवेश, होम लोन, मेडिकल बीमा जैसी तमाम छूटों का फायदा उठा ले तो वो 9.25 लाख तक रुपए तक की कमाई पर टैक्स नहीं देगा.

गोयल ने के चंद्रशेखर राव की तेलंगाना सरकार के रायतुबंधु योजना की तर्ज पर मोदी सरकार ने भी किसान निधि योजना शुरू करने कि बात कही. गोयल ने कहा कि देश के हर उन किसानों को महीने का 500 रुपए और साल में 6000 रुपए दिया जाएगा जिनके पास 2 हेक्टेयर तक खेती की जमीन होगी. ये राशि उन किसानों को हर चार महीने पर सीधे उनके बैंक खाते में 2000 रुपए दिए जाएंगे जो कुल तीन किश्तों में किसानों को साल भर में 6000 मिलेगी.

मजदूरों के लिए पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री श्रमयोगी मान धन योजना का ऐलान किया है जिसके तहत असंगठित सेक्टर के मजदूरों को 60 साल की उम्र के बाद हर महीने 3000 रुपए का पेंशन मिलेगा. इस योजना का फायदा 10 करोड़ से ज्यादा मजदूरों को मिलेगा. इस स्कीम में सरकार अंशदान करेगी जिसका ये मतलब हुआ कि इस योजना का लाभ उठाने के लिए असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को इस पेंशन स्कीम का फायदा लेने के लिए कुछ अंशदान अपनी तरफ से भी करना होगा. प्रधानमंत्री श्रमयोगी मान धन योजना के तहत 15000 रुपए तक कमाने वालों को 7000 रुपए के बोनस का बी ऐलान किया गया है. साथ ही श्रमिकों और मजदूरों की मौत पर मिलने वाली सहायता राशि को 2.5 लाख से बढ़ाकर 6 लाख रुपए करने का ऐलान किया गया है.

बहरहाल सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले अपने अंतरिम बजट में देश के सबसे बड़े तबके को पकड़ने की कोशिश की है. इसका कितना फ़ायदा होता है ये लोकसभा चुनाव के बाद ही पता चलेगा. देखा जाए तो भाजपा ने उन सभी मुद्दे को अपने अंतरिम बजट में जगह दी जिसे कांग्रेस अपना चुनावी मुद्दा बना का क्षेत्र में जाती रही है. कांग्रेस के पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस की घोषणा को कॉपी करने के लिए वित्तमंत्री को थैंक यू, जो कहते हैं कि इस देश के संसाधनों पर पहला हक गरीबों का है. इसके अलावा उन्होंने अपनी ही ट्वीट को रीट्वीट करते हुए आगे यह भी लिखा कि – ये वोट एन अकाउंट नहीं बल्कि अकाउंट फॉर वोट है.

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