May 11, 2024

5 गिरफ्तार लोगों को नजरबंद करने का कोर्ट ने दिया आदेश

1 min read
Spread the love
असहमति लोकतंत्र का सेफ्टी वाल्व, प्रेशर पड़ने पर फट जायेगा : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : भीमा-कोरेगांव केस के मामले के सिलसिले में गिरफ्तारियों पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पांच मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं को 6 सितंबर तक गिरफ्तार न करके नजरबंद करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज इतिहासकार रोमिला थापर और अन्य लोगों की याचिका पर सुनवाई करते हुए महारष्ट्र सरकार और राज्य पुलिस को नोटिस जारी किया है। महाराष्ट्र सरकार ने इन लोगों के हाउस अरेस्ट की बात स्वीकार कर लिया है। पुणे पुलिस ने दावा किया था कि उन्हें भीमा कोरेगांव मामले में एक गिरफ्तार आरोपी के घर से एक चिट्ठी प्राप्त हुई थी, जिसमें राजीव गांधी हत्या की समानता वाली घटना दोहराने की बात कही गई थी, और इस बार निशाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बनाये जाने की बात कही गई थी। इसी पत्र में इन पांच कार्यकत्ताओं के नाम शामिल होने की भी बात कही गई है, जिसके मद में ये गिरफ्तारियां की गई है।

इन पांच गिरफ्तार लोगों में तेलूगू कवि वरवर राव, वेरनान गोंसाल्विज, अरूण फरेरा, गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज है।

सुप्रीम कोर्ट ने पांच सितंबर तक इस मामले में सरकार की ओर से रिपोर्ट पेश करने को कहा है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रया देते हुए कहा, ‘असहमति लोकतंत्र का सेफ्टी वाल्व है यदि आप इन सेफ्टी वाल्व की इजाजत नहीं देंगे तो यह प्रेशर कूकर की तरह फट जायेगा।’

सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एम ए खानविलकर, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चंद्रचूड़ शामिल थे। जजों की बेंच ने 6 सितंबर को अगली सुनवाई की तारीख तय किया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved Powered By Fox Tech Solution | Newsphere by AF themes.