तुलसी प्रज्ञाचक्छु उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक,कर्मचारियों की हड़ताल का पांचवा दिन
1 min readचित्रकूट- तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज द्वारा स्थापित तुलसी प्रज्ञाचक्छु उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक और कर्मचारी पिछले पांच दिनों से लगातार विद्यालय के सरकारी करण की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।साथ ही जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज के उत्तराधिकारी रामचंद्र दास उर्फ जय मिश्रा के ऊपर गंभीर आरोपों की बौछार कर रहे हैं।
चित्रकूट स्थित तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज का उत्तराधिकारी रामचंद्र दास उर्फ जय मिश्रा के ऊपर एक बार पुन गंभीर आरोप लगे हैं।लेकिन इस बार यह आरोप किसी अन्य के द्वारा नही बल्कि जगद्गुरु द्वारा स्थापित किए गए तुलसी प्रज्ञाचक्छु उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पिछले पांच दिनों से लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे विद्यालय के शिक्षक और कर्मचारियों द्वारा लगाए जा रहे हैं।गौर तलब है कि बीते लगभग आठ माह पूर्व जगद्गुरु द्वारा दिव्यांग उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को सरकार को देने की घोषणा की गई थी।जिसके बाद सरकार द्वारा विद्यालय के लिए तीन करोड़ 12 लाख रुपए की राशि भी स्वीकृत कर दी गई थी। बीते 15 अगस्त को भी जगद्गुरु द्वारा कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा गया था कि अगली बार विद्यालय में ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति ध्वजा रोहण करेंगे।कर्मचारियों द्वारा आरोप लगाते हुए बताया गया कि केवल पांच मिनट बाद उत्तराधिकारी रामचंद्र दास के द्वारा जगद्गुरु के कान में कुछ कहा गया और बस,जगद्गुरु द्वारा यह घोषणा कर दी गई कि अब मैं विद्यालय सरकार को नहीं दूंगा।विद्यालय की प्राचार्य निर्मला वैष्णव कहती हैं कि उत्तराधिकारी रामचंद्र दास हम लोगों का शोषण नहीं बल्कि भक्षण कर रहे हैं।निर्मला वैष्णव ने बताया कि रामचंद्र दास द्वारा विद्यालय की जमीन हड़प ली गई है,साथ ही बची हुई जमीन को भी हड़पने का प्रयास किया जा रहा है।इसके अलावा रामानंद मिशन का करोड़ों रुपया अपने पिता सुशील मिश्रा के खातों में जमा करवा दिया गया है।निर्मला वैष्णव की बातो का समर्थन करते हुए अन्य कर्मचारियों द्वारा रामचंद्र दास के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा गया कि रामचंद्र दास के द्वारा अपने लोभ और लालच की पूर्ति हेतु जगद्गुरु को बहकाया गया है।जिसके चलते जगद्गुरु विद्यालय को सरकार को देने को कहने के बावजूद अब पलट गए हैं।
जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट मध्य प्रदेश