September 21, 2024

इमरान के हाथ में पाक की कमान

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भ्रष्टाचार मुक्त और शिक्षित पाकिस्तान है इमरान का सपना

पाकीस्तान की राजनीति में पहली बार एक क्रिकेटर वजीर ए आजम बनने जा रहा है। सैंकड़ों इल्जाम और आलोचनाओं के बावजूद भी इमरान खान अपनी लड़ाइ लड़ते हुए राजनीति की पिच पर टिके रहे और 22 सालों के संघर्ष के बाद अब पाकिस्तान की आवाम ने उन पर भरोसा जताया है। 1996 में तहरीक ए इंसाफ पार्टी के गठन के वक्त भी शायद इमरान ने यह नहीं सोचा होगा कि पाकिस्तान की गद्दी पर तख्तसीन होने में उन्हें इतना लंबा वक्त लगेगा। शायद इसका कारण पाकिस्तान की आवाम का लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों की आजमाइश के बाद एक नए दल पर भरोसा करना ही एकमात्र उपाय था। नवाज शरीफ का जेल में होना, बिलावल भुट्टो की अपरिपवक्ता ने इमरान की दावेदारी को और भी मजबूत कर दिया। हालांकि इमरान को पाकिस्तान की कमान एक चुनौती भरे दौर में मिल रही है। पाकिस्तान के हालात पूरी दुनिया से छिपा नहीं है। एक ओर तो वह खुद गरीबी, बेरोजगारी और आतंकवाद से जूझ रहा है। दूसरी ओर आतंकवाद पाकिस्तान में अपनी जड़े जमा चुका है। आतंकवाद पैदा करने वाले बड़े-बड़े नेताओं की फौज पाकिस्तान के अंदर आजाद घूमते हैं। ऐसा नहीं कि इमरान को यह खबर नहीं है लेकिन इस मसले का हल ढूंढना उनके लिए किसी पहाड़ पर चढ़ने जैसा होगा।

नए पाकिस्तान का दिखाया सपना

अपनी जीत सुनिश्चित होने के बाद इमरान पहली बार जब पाकिस्तान की आवाम को शुक्रिया करने मीडिया के सामने आये तब इमरान विश्वास से भरे एक ऐसे नेता के रूप में नजर आये जिनके पास एक नया पाकिस्तान बनाने का सपना है, जो अपने देेश की सारी समस्याओं को जानता है और उसे नजरअंदाज नहीं करता बल्कि उसे चुनौती के रूप में स्वीकार करता है। पाकिस्तान की आवाम से इमरान ने कई वायदे किये। उन्होंने अशिक्षा, बेरोजगारी, गरीबी, भूखमरी को पाकिस्तान की मूल समस्या माना और इससे निपटने का वादा कई बार दोहराया। उन्होंने अपने मुल्क के अंदर के निचले तबके से लेकर मध्यम वर्ग और युवाओं को भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार उन्हें एक नया पाकिस्तान बनाकर देगी। जिसमें समानता, शिक्षा, रोजगार होगा।

भ्रष्टाचार से लड़ने पर रहेगा जोर

इमरान ने अपने संबोधन में पाकिस्तान के अंदर भ्रष्टाचार को स्वीकार किया, उन्होंने इसके लिए सारे दलों को दोषी ठहराया, जिन्होंने अपनी तिजौरियों को भरने में अपना वक्त जाया किया और भ्रष्टाचार की जड़ों को पनपने दिया। उन्होंने इस भ्रष्टाचार को पाकिस्तान की ऐसी समस्या बताया जिससे धीरे-धीरे पाकिस्तान एक गरीब मुल्क की शक्ल में ढल गया है। साथ ही उन्होंने रोजगार पैदा न होने का कारण कर चोरी को ठहराया, इसकी वजह भी इमरान अपने पूर्व के नेताओं को मानते हैं। उन्होंने साफ कहा कि सभी ने अपनी जेब पहले भरने पर इतना जोर दिया कि पाकिस्तान का सरकारी खजाना आवाम की तरक्की पर खर्च ही नहीं हो सका। उन्होंने इस समस्या को भी दूर करने का वादा किया।

सादगी भरी सरकार का वादा

इमरान ने अपनी सरकार को सादगी से निभाने पर जोर देने की बात की। उन्होंने तो सादगी का परिचय देते हुए यह भी कहा कि उनकी सरकार प्रधानमंत्री आवास में रहकर काम नहीं करेगी, बल्कि वो एक साधारण से बंगले से अपनी सरकार चलायेंगे। उन्होंने कानून के अंदर खुद को और अपनी पार्टी को लाने का वादा किया। उन्होंने यह कहा कि उनकी सरकार अपने पूर्ववती सरकारों की तरह राजनीतिक साजिश पर नहीं, आपसी सहयोग पर जोर देगी, जिससे पाकिस्तान का कायापलट हो सके। अगर यह संभव हो सका तो यह पाकिस्तान के इतिहास में एक तारीख बनेगी।

आतंकवाद से बनाई दूरी

अपनी जीत के पहले संबोधन में इमरान खान ने आतंकवाद पर अधिक बात नहीं की। उन्होंने इस पर अपनी नीति साफ नहीं की। उन्होंने अपने मुल्क में अमन की बात तो की मगर आतंकवाद से निपटने पर साफ बात नहीं कर पाये जिससे स्पष्ट होता है कि ये भी अपने पूर्ववर्ती सरकारों की तरह इस मुद्दे से दूर ही रहना चाहते हैं, हालाकि इससे निपटे बिना नया पाकिस्तान कैसे तैयार किया जायेगा यह समझ से परे है।

भारत को माना आखिरी दोस्त

अपने सम्बोधन में इमरान खान ने अपने पडोसी मुल्कों में सबसे आखिर में भारत का नाम लेते हुए व्यापारिक संबंधों को बढ़ाने पर ज्यादा जोर दिया। भारत से वार्ता को तैयारअपनी विदेश नीति में अपने सभी पड़ोसियां से सहयोग, समन्वय पर बल देना की इच्छा जाहिर की। उन्होंने चीन, साउदी अरब, ईरान को अपना दोस्त बताया, अफगानिस्तान के साथ उन्होंने इस प्रकार के रिश्ते बनाने की बात कही, जिसमें दोनों मुल्कों के खुले बार्डर हो। भारत के संबंध में उन्होंने व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने की बात कही, कश्मीर के मसले पर भी उन्होंने आपसी बात को बढ़ाने की वकालत की। लेकिन साथ ही साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया कि भारत पाकिस्तान पर आरोप मढ़ना छोड़कर एक-दूसरे के संबंधों को गाढा करने पर जोर दे, अगर भारत उनकी तरफ बढ़ेगा तो वो भी भारत की तरफ कदम बढायेंगे।

चुनौतियों से भरा है रास्ता

इमरान खान ने अपने संबोधन में नया पाकिस्तान बनाने का वादा किया, शिक्षित पाकिस्तान का सपना साकार करने का भरोसा दिया, रोजगार और उन्नत पाकिस्तान बनाने का भी वादा किया। पाकिस्तान अपने बनने के बाद से लगभग समस्याओं से भरा रहा है, कभी सैनिक शासन, कभी अस्थिर सरकार होने की वजह से वहां कई प्रकार की असमाजिक गतिविधियां पैदा हुई जिसने पाकिस्तान को पीछे धकेला है। ऐसे में इमरान खान के लिए नया पाकिस्तान बनाना चौतरफा युद्ध की तरह होगा, एक तरफ सेना, आतंकवाद, विपक्षी पार्टियां, भ्रष्टाचार से भरा पाकिस्तान उनकी चुनौती है तो दूसरी ओर उनका विश्वास और सपना है।

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