May 16, 2024

यूजीसी के सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारी ग्रामोदय स्टॉल पहुंचे

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चित्रकूट – देश की राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में आयोजित हो रहे अखिल भारतीय शिक्षा समागम के दूसरे दिन ग्रामोदय से राष्ट्रोदय की थीम पर आधारित ग्रामोदय विश्वविद्यालय के स्टाल पर यूजीसी के अध्यक्ष प्रो एम जगदेश कुमार व यूजीसी के सचिव प्रो मनीष जोशी तथा शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अनेक वरिष्ठ अधिकारी आए और ग्रामोदय विश्वविद्यालय के विषय में प्रदर्शित विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
यूजीसी के अध्यक्ष प्रो  कुमार के स्टॉल मे पहुंचते ही  ग्रामोदय परिवार की ओर से उनका स्वागत किया गया । प्रो  कुमार ने ग्रामोदय विश्वविद्यालय के नवाचारों एवम विकास प्रस्तुतियों पर केंद्रित ग्रामोदय संदेश के एनईपी विशेषांक का अवलोकन किया। उन्होंने दीनदयाल उपाध्याय कौशल पार्क के माध्यम से विद्यार्थियों/ प्रशिक्षण प्राप्त कर्ताओं द्वारा निर्मित अचार, मुरब्बा, जूस, चटनी आदि को देखा और उत्पादन योजना को जाना।
उन्हें ग्रामोदय स्टॉल मे प्रदर्शित जानकारी अकादमिक, रिसर्च, एक्सटेंशन, नवाचारों के संबंध में जानकारी दी गई।यूजीसी के सचिव प्रो मनीष जोशी एवम शिक्षा मंत्रालय के अन्य अधिकारियों ने भी प्रदर्शनी में प्रदर्शित जानकारी को रूचि पूर्वक देखा और उत्साह बढ़ाया। इस दौरान ग्रामोदय विश्वविद्यालय की ओर से डॉ सूर्य प्रकाश शुक्ला ने यूजीसी के अधिकारियों को जानकारी प्रदान की। कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने ग्रामोदय से राष्ट्रोदय थीम आधारित प्रदर्शनी स्टॉल मे यूजीसी के अध्यक्ष, सचिव और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के  उत्साह बढ़ाने के लिए आभार प्रकट किया है। प्रदर्शनी स्टॉल का संयोजन प्रो अमरजीत सिंह और डॉ सूर्य प्रकाश शुक्ला ने किया।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति से साकार हो रहा ‘नॉलेज नेशन’ का सपना

प्रो. (डॉ.) भरत मिश्रा कुलपति, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट, सतना, मध्य प्रदेश के अनुसार आज बड़ा ही गौरवशाली दिवस है। भारत की महत्वकांक्षी ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ को आज 3 साल हो रहे हैं। यह दिन और भी विशेष इसलिए हो जाता है, क्योंकि आज हमारे प्रधानमंत्री ‘अखिल भारतीय शिक्षा समागम’ का उद्घाटन किया है।राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित होने वाले इस समागम में 200 से अधिक स्टालों के साथ ही मल्टीमीडिया प्रदर्शनी भी हिस्सा बनी हैं। देशभर के ख्याति प्राप्त संस्थान इस समागम में शामिल हैं। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के लिए यह दिन सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा, क्योंकि देश के चुनिंदा संस्थानों को इस समागम में शामिल होने का मौका मिला है और ग्रामोदय विश्वविद्यालय को भी यह गौरव हासिल हुआ है। कई वर्षों बाद भारत को राष्ट्रीय शिक्षा नीति मिली है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के विशेष प्रयासों का ही नतीजा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रावधान आज देश के संस्थानों में लागू हो चुके हैं। महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में स्नातक के साथ ही परास्नातक पाठ्यक्रमों में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधान लागू किए जा चुके हैं। उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रमों में विषयों के चुनाव की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। उचित प्रमाणीकरण के साथ विविध प्रवेश की अनुमति दी जा रही है। क्रेडिट के हस्तांतरण की अनुमति दी जा रही है। इसके साथ ही क्रेडिट के हस्तांतरण की सुविधा के लिए अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट की स्थापना भी की जा रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति नई सदी की एक बड़ी जरूरत थी, इससे भाषाई विविधता और समावेशी शिक्षा को बढ़ावा मिल रहा है। कौशल विकास और उद्यमिता ज्ञान बड़ी आबादी के लिए सुलभ हो पाया है। देश के समग्र विकास को यह नीति बढ़ावा दे रही है। पांचवी कक्षा तक मातृभाषा क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्रदान करने का लक्ष्य चहुंमुखी प्रगति के परिणाम को प्राप्त करेगा। भारतीय शिक्षा प्रणाली का अंतरराष्ट्रीयकरण भी इस शिक्षा नीति से ही सम्भव है। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने साल 2047 तक भारत को ज्ञान राष्ट्र  (नॉलेज नेशन) बनाने की कल्पना की है। ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ इस कल्पना को साकार करने का सबसे बड़ा माध्यम बन गया है।

जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट मध्य प्रदेश

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