September 16, 2024

छत्तीसगढ़ डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी टीएस सिंह देव को मिली

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छत्तीसगढ़ – छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस ने राज्य में बड़ा बदलाव किया है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री बनाए गए हैं। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बुधवार देर शाम इसकी घोषणा की। टीएस सिंहदेव को डिप्टी सीएम बनाए जाने पर सीएम भूपेश बघेल ने उन्हेंं बधाई दी है।बाबा’ के नाम से मशहूर टीएस सिंहदेव प्रदेश की सियासत में हमेशा चर्चा का विषय बने रहते हैं। चुनाव से महज कुछ महीने पहले कांग्रेस द्वारा उन्हें दी गई जिम्मेदारी ने उनको एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है।

टीएस सिंहदेव का पूरा नाम त्रिभुवनेश्वर शरण सिंह देव है। उनका जन्म 31 अक्टूबर 1952 को उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में हुआ था। उनके पिता का नाम मदनेश्वर शरण सिंह देव जबकि मां का नाम देवेन्द्रकुमारी सिंह देव है। टीएस सिंहदेव ने भोपाल के हमीदिया कॉलेज से एमए इतिहास की पढ़ाई की।

त्रिभुवनेश्वर शरण सिंहदेव यानी टीएस सिंह देव का सरगुजा राजघराने से नाता है। वह इस राजघराने के 118वें राजा हैं। लोग उन्हें टीएस बाबा कहकर बुलाते हैं। सरगुजा राजघराने की कई पीढ़ियां कांग्रेस से जुड़ी हैं।

टीएस सिंहदेव 1983 में अंबिकापुर नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष चुने गए और यहीं से उनका राजनीति सफर शुरू हुआ। सिंहदेव ने अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत भले ही नगर पालिका अध्यक्ष पद से की हो, लेकिन सरगुजा राजपरिवार से होने के नाते उनकी राजनैतिक हैसियत इससे कहीं अधिक रही।

टीएस सिंहदेव के पिता एमएस सिंहदेव मध्यप्रदेश में मुख्य सचिव और बाद में योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे। उनकी मां देवेंद्र कुमारी सिंहदेव मध्यप्रदेश में दो बार मंत्री रहीं। तब कहा जाता था कि सरगुजा के लिए मुख्यमंत्री राजपरिवार ही है।

सरगुजा राजघराना छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों में भी कांग्रेस के साथ है। आजादी के समय से ही सरगुजा राजघराना कांग्रेस पार्टी के साथ है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में सरगुजा राजघराने का एक व्यक्ति शामिल हुआ करता था।

2008 में लड़ा अपना पहला चुनाव
छत्तीसगढ़ गठन के बाद अजीत जोगी सरकार बनी तो सरगुजा राजपरिवार हासिये पर चला गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने उपेक्षा के बीच चुनाव के कुछ माह पूर्व टीएस सिंहदेव को वित्त आयोग का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया।

वर्ष 2008 में परिसीमन के बाद अंबिकापुर सीट सामान्य हुई तो टीएस सिंहदेव ने अपना पहला चुनाव 980 मतों के मामूली अंतर से जीता। दूसरे चुनाव में जीत का अंतर 19,400 एवं तीसरे चुनाव में करीब 40 हजार तक पहुंच गया। वर्ष 2013 से 2018 तक वे नेता प्रतिपक्ष रहे। उन्होंने कांग्रेस में यूथ कांग्रेस पर्यावरण प्रवक्ता, जिला सेवा दल अध्यक्ष और प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष जैसे पदों पर भी काम किया।

राज्य के सबसे अमीर विधायक
टीएस सिंहदेव 2018 के चुनावों में जीते छत्तीसगढ़ के सबसे अमीर विधायक हैं। शपथपत्र के मुताबिक तब उन्होंने बताया था कि उनके पास 500 करोड़ रुपये की संपत्ति है। साल 2013 में जब मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और मिजोरम में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब भी टीएस सिंह देव सबसे अमीर विधायक थे। 2018 के विधानसभा चुनाव में टीएस बाबा ने छत्तीसगढ़ कांग्रेस का घोषणा पत्र तैयार किया था।

भारत विमर्श भोपाल मध्य प्रदेश

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