बैंक और एलआईसी की होगी हिस्सेदारी
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नई दिल्ली- आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) के प्राइवेटाइजेशन का रास्ता साफ हो गया है. दरअसल, सरकार और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) मिलकर आईडीबीआई बैंक में 60.72% हिस्सेदारी बेचने वाले हैं.
डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट यानी दीपम (DIPAM) ने 7 अक्टूबर को संभावित खरीदारों से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EOI) मंगाया है. एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जमा करने की आखिरी तारीख 16 दिसंबर तक है. इस डील में सरकार और एलआईसी की हिस्सेदारी के साथ आईडीबीआई बैंक के मैनेजमेंट कंट्रोल का भी ट्रांसफर होगा।
एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट 180 दिन तक होंगे वैलिड
केंद्र सरकार और एलआईसी मिलकर आईडीबीआई बैंक में कुल 60.72% हिस्सेदारी बेचेगी. केंद्र सरकार 30.48% और एलआईसी अपनी 30.24% हिस्सेदारी बेचेगी. जो कंपनियां ये हिस्सेदारी खरीदना चाहती हैं उन्हें 16 दिसंबर तक अपनी रुचि जाहिर करते हुए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट जमा करना होगा. ये एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट 180 दिन तक वैलिड होंगे और इन्हें अगले और 180 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है।
दीपम ने शुक्रवार को ट्वीट करके कहा, “आईडीबीआई बैंक में भारत सरकार और एलआईसी की हिस्सेदारी बेचने और मैनेजमेंट कंट्रोल के ट्रांसफर के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट मंगाया है।
दीपम ने बताया कि जिस बिडर को इसके लिए चुना जाएगा उसे आईडीबीआई बैंक के लिए ओपन ऑफर लाना जरूरी होगा. इसके अलावा ‘Fit & Proper’ का भी क्राइटेरिया भी लागू होगा. साथ ही आरबीआई हर एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट की जांच करेगा. इसमें साफ कहा गया है कि जो बिडर आगे जाएंगे, उनके एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट की जांच आरबीआई के ‘Fit & Proper’क्राइटेरिया के तहत भी होगी।
दीपम ने यह भी कहा है कि बड़े इंडस्ट्रियल या कॉरपोरेट हाउस और इंडिविजुअल्स अकेले या किसी कंसोर्शियम के जरिए आईडीबीआई बैंक के ट्रांजैक्शन में शामिल नहीं हो सकते हैं।
भारत विमर्श भोपाल मध्यप्रदेश