पयस्वनी में बने पीएम आवास की जांच बनी बीरबल की खिचड़ी
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चित्रकूट – प्रदूषण व अतिक्रमण से अस्तित्व गवाँ चुकी पयस्वनी नदी को पुनर्जीवित करने में प्रशासन लगा है लेकिन अभी भी अतिक्रमणकारियों ने कब्ज़ा जमा कर रखा हुआ है। दिलचस्प बात यह है कि जिस स्थल पर पुलिया का अतिक्रमण हटाया गया वहीं एक पीएम आवास भी बना हुआ था जिसे अतिक्रमण के तहत गिरा दिया गया लेकिन इसमें में यह सवाल खड़ा हो गया है की क्या चित्रकूट में पीएम आवास का आवंटन आंख बंद कर के किया जाता है।
दरअसल पयस्वनी में बने पुल को हटाया गया था उसी दौरान पयस्वनी में बने एक मकान को भी गिरा दिया गया। जब संबधित निर्माण कार्य की जानकारी जुटाई गई तो हैरान करने वाली जानकारी सामने आई। बताया गया की उक्त आवास किसी संतोष सिंह का है जिसे पीएम आवास योजना के तहत बनाया गया था जबकि पीएम आवास के लिए स्वयं की जमीन होनी चाहिए या फिर आवंटित जमीन हो या भूमिहीन होना चाहिए। जानकारों की माने तो किसी नदी नाले के कैचमेंट एरिया में सरकारी राशि से बनने वाले पीएम आवास के निर्माण की अनुमति नहीं दी जा सकती है। ऐसे में सवाल यह है की संतोष सिंह को पीएम आवास बनाने की अनुमति किसने दी और अगर वह पीएम आवास बैध्य बना हुआ था तो उसको हटाया क्यों गया। क्या नगर परिषद कि ओर से यह गफलत की गई है या फिर पयस्वनी के कैचमेंट एरिया में पीएम आवास के निर्माण को नजर अंदाज करने वाले राजस्व अमले ने । जबकि नगर परिषद सीएमओ विशाल सिंह ने इस विषय में जांच करने की बात कही थी लेकिन अब तक नहीं कोई जांच निकल कर सामने नहीं आई है जांच तो बीरबल की खिचड़ी बन कर रह गई है,और जब भी इस विषय में सवाल किया जाता है तो उनका कहना रहता है की जांच चल रही है इससे यही साबित होता है की इस को कार्य नगर परिषद के सहमति से ही किया गया था और जिम्मेदार बच रहे हैं।
जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट म०प्र०