April 24, 2024

केजरीवाल की माफी पर भगवंतमान का इस्तिफा, संजय सिंह ने भी उठाए सवाल

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दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की माफी पर घमासान शुरु हो गया है। कुमार विश्वास के विरोध के बाद अब आप सांसद भगवंत मान ने पंजाब अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है। अरविंद केजरीवाल के माफी मांगने के बाद से ‘आप’ के कई नेता नाराज बताए जा रहे हैं।

भगवंत मान ने फेसबुक पर पंजाबी और अंग्रेजी भाषा मे पोस्ट करते हुए अपने इस्तीफ़े की जानकरी दी है. भगवंत मान ने लिखा “मैं आम आदमी पार्टी के पंजाब अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा दे रहा हूं, लेकिन ड्रग माफिया और तमाम भ्रष्टाचार के खिलाफ मेरी लड़ाई एक ‘आम आदमी’ की तरह जारी रहेगी।

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह की तरफ से भी अरविंद केजरीवाल को झटका लगा है. संजय सिंह ने कहा है कि मैं अब भी अपने बयानों पर कायम हूं, मैं अब भी मानता हूं कि मजीठिया ड्रग्स के कारोबार में शामिल थे. उन्होंने कहा कि मैं नहीं जानता कि अरविंद केजरीवाल का इस मुद्दे पर क्या स्टैंड है, लेकिन मैं अपनी बात पर कायम हूं।

आपको बता दें कि पंजाब चुनाव प्रचार के दौरान बिक्रम सिंह मजीठिया पर आम आदमी पार्टी के नेताओं अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह, आशीष खेतान ने पब्लिक मीटिंग में और रैलियों के दौरान मजीठिया और उनके परिवार पर ड्रग्स की तस्करी करने और पंजाब में नशीले पदार्थ बेचने के आरोप लगाए थे। इसके बाद चुनाव खत्म होने के बाद बिक्रम सिंह मजीठिया ने अमृतसर जिला अदालत में अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह और आशीष खेतान पर मानहानि का केस कर दिया था।केस में सुनवाई अब निर्णायक मोड़ पर थी और अरविंद केजरीवाल को ये अहसास हो गया कि इस मानहानि के केस का फैसला उनके खिलाफ आ सकता है। इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने बिक्रम सिंह मजीठिया को चिट्ठी लिखकर माफी मांग ली है।

वहीं पंजाब कांग्रेस ने इस पूरे मामले को मैच फिक्सिंग बताया. पंजाब कांग्रेस के प्रवक्ता और अमृतसर से विधायक राजकुमार वेरका ने कहा कि अब ये साफ हो गया है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी और अकाली दल मैच फिक्सिंग कर रही है. एक तरफ तो आम आदमी पार्टी विधानसभा में कैप्टन सरकार पर मजीठिया के खिलाफ ड्रग्स तस्करी के आरोपों की जांच करवाने और उसे जेल भेजने की मांग करती है और वहीं आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल मजीठिया पर लगाए गए ड्रग्स तस्करी के आरोपों को लेकर माफी मांग लेते हैं।

मानहानि केस में सबसे बड़ा मामला अरविंद केजरीवाल बनाम अरुण जेटली का है. अरुण जेटली ने केजरीवाल के अलावा के आशुतोष, कुमार विश्वास, संजय सिंह, राघव चड्ढा और दीपक बाजपेयी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया था. AAP के नेताओं ने DDCA में अरुण जेटली के अध्यक्ष रहने के दौरान भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था, जिस पर अरुण जेटली ने 10 करोड़ रुपये की मानहानि का दावा किया है।

बता दें कि केजरीवाल की ओर से इस मामले में वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने पैरवी की थी. सुनवाई के दौरान राम जेठमलानी ने जेटली के लिए धूर्त शब्द का प्रयोग किया था. इस मुद्दे पर काफी हंगामा हुआ था, हालांकि कुछ समय बाद ही राम जेठमलानी इस केस से पीछे हट गए थे।

अभी जनवरी में राजधानी दिल्ली में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में अरुण जेटली और अरविंद केजरीवाल साथ नज़र आए थे. दोनों एक साथ बात करते हुए देखा गया था. दोनों नेताओं की तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में रही थी।
दिल्ली सीएम ने 2014 में बीजेपी अध्यक्ष रहे नितिन गडकरी पर भी आरोप लगाए थे. केजरीवाल ने गडकरी का नाम सबसे भ्रष्ट नेताओं की लिस्ट में जारी किया था. जिसके बाद गडकरी ने उनपर मानहानि का केस दायर किया था. इस मामले में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने केजरीवाल के खिलाफ फैसला सुनाया था, जिसके बाद केजरीवाल मामले को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे थे. हालांकि, 2015 में केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट से मामला वापस ले लिया था।

आम आदमी पार्टी सूत्रों के मुताबिक अरविंद केजरीवाल अपने खिलाफ चल रहे मानहानि के सभी मामलों में संबंधित नेताओं से माफी मांगेंगे. इसी क्रम में केजरीवाल ने मजीठिया से माफी मांगी है. आम आदमी पार्टी का कहना है कि कोर्ट के मामलों के चलते दिल्ली के मुख्यमंत्री का काफी समय बर्बाद हो रहा है. साथ ही आम आदमी पार्टी और व्यक्तिगत तौर पर मुख्यमंत्री के संसाधन बर्बाद हो रहे हैं।

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