गन्दे नाले में तब्दील हो रही माँ मंदाकिनी
1 min readभारत विमर्श की विशेष कवरेज
चित्रकूट- भगवान राम की धर्म नगरी व धर्म आस्था का प्रतीक माने जाने वाले चित्रकूट में जहां मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश की सरकार मां मंदाकिनी नदी की साफ सफाई में कागजो पर करोड़ों रुपए खर्च कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ चित्रकूट की जीवनदायिनी कहे जाने वाले मां मंदाकिनी नदी में दर्जनों गंदे नालों का पानी व बड़े-बड़े होटलों एवं मठ मंदिरों के टैंकों का मल मूत्र गन्दगी नदी में छोड़ा जा रहा है, जिससे मां मंदाकिनी नदी प्रदूषित हो रही है। आपको बता दें कि, चित्रकूट में हर माह अमावस्या मेले में दूर-दूर से लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने आते हैं, जिससे श्रद्धालुओं को मजबूरी में इन्ही गंदे नालो के पानी में आस्था की डुबकी लगाना पड़ता है और शुद्ध गंगाजल समझ कर अपने घर ले जाते हैं। देखा जा रहा है कि जो लोग मंदाकिनी को बचाने की बात करते है और अभियान चलते हैं, उन्ही लोगों के द्वारा ही मंदाकिनी नदी में अवैध रूप से अतिक्रमण कर पानी को रोका जा रहा है। जिसके चलते माँ मंदाकिनी धीरे-धीरे विलुप्त हो रही है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो माँ मंदाकिनी भी बिलुप्त होने की कगार में पहुंच जाएगी। जिस तरह से चित्रकूट की अन्य दो नदियां सरयू और पैश्वनी नदी गंदे नाले में तब्दील हो चुकी है। अगर ऐसे ही गन्दे नालों का पानी मंदाकिनी में जाता रहा और पानी को जगह जगह रोका गया तो वो दिन दूर नहीं जब माँ मंदाकिनी का भी अस्तित्व खत्म हो जाएगा। देखा जा रहा है कि सीधे गन्दे नालों का पानी मंदाकिनी में डाला जा रहा है फिर भी जिम्मेदार चुप्पी साधे हुए बैठे हैं।
जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट म०प्र०