April 25, 2024

फलें-फूलें खेल, खेती, खाद और टीका … प्रदेश का रंग कभी न होे फीका!

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गुरुवार को ग्लोबल टाइगर डे पर शिवराज ने इसी अंदाज में की कवायदें जैसे कह रहे हों कि “किस बात की चिंता है, जब तक टाइगर जिंदा है”

लेखक- कौशल किशोर चतुर्वेदी

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के सपने को साकार करने के लिए किसानों की आमदनी को बढ़ाकर खेती को लाभ का धंधा बनाना अनिवार्य है। खेती के लिए खाद जरूरी है ताकि उत्पादन के नए-नए रिकार्ड बन सकें। खेल के क्षेत्र में प्रदेश आत्मनिर्भर तभी बनेगा जब प्रदेश में पर्याप्त संसाधन हों और युवा खेलों में सोना-चांदी जीतकर देश-दुनिया में नाम रोशन करेंगे। तो सबसे बड़ी चुनौती कोरोना संकट से निजात पाना है। यह तभी संभव है जब तीसरी लहर को रोका जा सके और टीकों का पर्याप्त और पुख्ता इंतजाम हो। खेती, खाद, खेल और टीका की चिंता से निजात पाने के मंसूबे दिल में लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली का दौरा किया और केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर आश्वस्त भी हुए कि कदम दर कदम आगे बढ़ने पर प्रदेश को मंजिल जरूर हासिल होगी। यदि खेल, खेती, खाद और टीका के माकूल इंतजाम हो जाएं तो उम्मीद जताई जा सकती है कि प्रदेश का रंग कभी फीका नहीं होगा। शिवराज ने जिस तरह गुरुवार को एक्सरसाइज की, उससे कुछ यूं ही लगा जैसे संदेश दे रहे हों कि “किस बात की चिंता है, जब तक टाइगर जिंदा है”।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर से मुलाकात कर ग्रीष्मकालीन मूंग एवं उड़द के उपार्जन के लक्ष्य बढाने के संबंध में अनुरोध किया। मध्यप्रदेश ने इस साल पहली बार मूंग की खरीदी समर्थन मूल्य पर खरीदी। एक लाख 34 हजार मीट्रिक टन की खरीदी हो चुकी है। किसानों के पास अभी भी फसल बाकी है। और मुख्यमंत्री ने केंद्रीय कृषि मंत्री से आग्रह किया है कि मूंग की अतिरिक्त मात्रा की खरीदी की अनुमति दी जाए ताकि बाकी बचे किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाई जा सके।
इसी कड़ी में मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मांडविया से मुलाकात कर मध्यप्रदेश में खरीफ फसलों के लिये डीएपी व यूरिया के आवंटन का अनुरोध किया। चूंकि प्रदेश में धान के रोपण का कार्य चल रहा है, जिसमें डीएपी की मांग की जा रही है।साथ ही मक्का एवं धान में यूरिया की टॉप ड्रेसिंग की जा रही है, जिससे यूरिया की मांग बढ़ गयी है। अगस्त, 2021 हेतु यूरिया 3.55 लाख मैट्रिक टन तथा डीएपी 2.39 लाख मैट्रिक टन का आवंटन जारी करने की मांग की है।

तो केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री के नाते मांडविया से मध्यप्रदेश में टीकाकरण हेतु अधिक से अधिक डोज उपलब्ध कराये जाने का अनुरोध भी किया।
जानकारी भी दी कि मध्यप्रदेश के सभी 18 वर्ष से अधिक आयु के 5.5 करोड़ नागरिकों को सितम्बर 2021 के अंत तक कोविड -19 टीके की प्रथम डोज एवं दिसम्बर 2021 तक समस्त नागरिकों का दोनों डोज का कोविड -19 टीकाकरण कराये जाने के लक्ष्य की पूर्ति हेतु टीकाकरण अभियान निरंतर चलाया जा रहा है।केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश को सराहा भी और आश्वस्त भी किया कि केंद्र सरकार मध्यप्रदेश हेतु डोज की आपूर्ति को तेजी से पूरा करेगी।

अब बात युवाओं की और खेलकूद की तो मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से मुलाकात कर ‘खेलो इण्डिया अधोसंरचना योजना’ के तहत राज्य में खेल अधोसंरचना निर्माण हेतु केन्द्रीय सहायता का अनुरोध किया।मध्यप्रदेश राज्य के 23 स्थलों में खेल अधोसंरचना निर्माण हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को केन्द्रीय सहायता स्वीकृति हेतु प्रेषित किए गए थे।वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिये मध्यप्रदेश शासन ने फिलहाल 6 प्रस्तावों हेतु राशि 56.93 करोड़ रूपए की केन्द्रीय सहायता स्वीकृत करने का अनुरोध किया है। तो “खेलों इण्डिया यूथ गेम्स- 2022” के आयोजन की औपचारिक घोषणा करने के साथ ही भोपाल के टी.टी. नगर स्टेडियम में केन्द्रीय सहायता से नवनिर्मित मल्टीपर्पज हॉल को लोकार्पित करने का अनुरोध भी खेल मंत्री से किया।ठाकुर ने अनुराग दिखाया और जल्द ही मध्यप्रदेश आने का वादा भी कर दिया।

कुल मिलाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह अहसास कराया कि वह प्रदेश को नई दिशा देने में जुटे हैं। किसानों की आय बढ़े, समय पर खाद मिले। फसल की समर्थन मूल्य पर अधिक से अधिक खरीदी हो सके। खेती लाभ का धंधा बनेगी तो किसान आत्मनिर्भर होगा और किसान आत्मनिर्भर होगा तो प्रदेश को आत्मनिर्भर होने से कोई रोक नहीं सकता। इसके लिए शिव की कोशिश जारी है। खेलों के साधन बढेंगे तो खिलाड़ियों की प्रदेश का परचम देश-दुनिया में फहराने की संभावनाएँ भी बढ़ेंगीं। और सबसे बड़ी चिंता बन चुकी कोरोना महामारी से निजात पाना है तो पर्याप्त मात्रा में टीका भी जुटाना है। सो इस चुनौती से निजात पाने की कोशिश जारी है। तीन करोड़ से ज्यादा डोज लगाई जा चुकी हैं। शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने का हौसला भी है।

सावन का महीना है। शिव की पूजा-अर्चना भक्त पूरी आस्था से कर रहे हैं। मानसून मेहरबान है। और गुरुवार को जब हॉकी में अर्जेंटीना को धूल चटाने में गोल की शुरुआत इटारसी के विवेक ने की तो मानो प्रदेशवासियों के दिलों को खुशियों के सागर से भर दिया। शिवराज ने भी विवेक सागर को बधाई दी और जीत का सिलसिला जारी रहने की उम्मीद भी जताई।
29 जुलाई का दिन ‘ग्लोबल टाइगर डे के चलते भी खास है और खासतौर से टाइगर स्टेट मध्यप्रदेश के लिए और भी ज्यादा खास। चाहे पन्ना में फिर से टाइगर बसाने का मामला हो या सतपुड़ा टाइगर रिजर्व इसकी एक अपनी अलग पहचान है। यह प्राकृतिक सौंदर्य का खजाना है। शिवराज ने वन महकमे को बधाई दी तो जोर दिया कि वाइल्ड लाइफ के बिना हमारा जीवन अधूरा है और प्रकृति का चक्र भी ऐसा है कि टाइगर के बिना सृष्टि नही चल सकती और इसलिए भौतिक प्रकृति और पर्यावरण संतुलन स्थापित करने की आवश्यकता है। और यदि याद करें तो तीसरी पारी के आखिरी में शिवराज ने कहा था कि ”टाइगर जिंदा है”, तब तक चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। और चौथी पारी में मध्यप्रदेश को यह अहसास भी करा रहे हैं।

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