July 8, 2024

आपके निजी फाइनैंस से जुड़ीं 5 महत्वपूर्ण जानकारियां

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अनुज अवस्थी, नई दिल्ली: मोदी सरकार ने कल अपने इस कार्यकाल का अाखरी बजट पेश किया। बजट, देने से कहीं ज्यादा देने और लेने पर आधारित था। एक तरफ, वित्त मंत्री ने स्टैंडर्ड डिडक्शन को दोबारा शुरू किया, वरिष्ठ नागरिकों को खुश होने के कुछ मौके दिए और महिला कर्मचारियों को कर्मचारी भविष्य निधि में पहले तीन साल के दौरान योगदान घटाकर 8 फीसदी किया। इससे महिलाएं अब ज्यादा पैसा घर ले जा सकेंगी। दूसरी तरफ, उन्होंने सैलरीड क्लास को मिलने वाली ट्रांसपॉर्ट अलाउंस और मेडिकल रीइंबर्समेंट की सुविधा वापस ले ली। इसके साथ ही उन्होंने इक्विटी पर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगा दिया और आपकी आयकर पर लगने वाला सेस भी बढ़ा दिया। अापको बताते चलें कि अगले साल होने वाले आम चुनावों से पहले मोदी सरकार के इस आखिरी बजट पर सबकी नजरें थीं।



बजट की 5 बड़ी बातें:

1- आयकर पर सेस बढ़ाकर किया गया 4%
बजट में आयकर पर लगने वाले सेस को 3% से बढ़ाकर 4% करने का प्रस्ताव किया गया है। इसके बाद अब सभी श्रेणियों के करदाताओं को ज्यादा कर चुकाना होगा। इस बदलाव के कारण कर देनदारी सबसे ऊंचे टैक्स ब्रैकेट (15 लाख रुपये इनकम) के लिए अब 2,625 रुपये होगी। मिडिल आयकरदाताओं के लिए (5 लाख से 10 लाख रुपये के बीच) कर देनदारी बढ़कर 1,125 रुपये हो जाएगी। वहीं, सबसे नीचे वाले टैक्स ब्रैकेट (2.5 लाख से 5 लाख रुपये के बीच) के लिए यह बढ़कर 125 रुपये हो जाएगी।

2- आयकर स्लैब्स में कोई बदलाव नहीं
सरकार ने पिछले तीन वर्षों में पर्सनल इनकम-टैक्स रेट में कई सकारात्मक बदलाव किए हैं। यह कहते हुए, जेटली ने इस बजट में आयकर के स्लैब्स में कोई बदलाव नहीं किया।



3- सैलरी से मेडिकल रीइंबर्समेंट और ट्रांसपॉर्ट अलाउंस पर छूट खत्म
एक तरफ बजट में कर्मचारियों की सैलरी पर 40 हजार रुपये स्टैडर्ड डिडक्शन की बात कही गई है। वहीं, बजट में मौजूदा सालाना 19,200 रुपये ट्रांसपॉर्ट अलाउंस और 15,000 रुपये मेडिकल रीइंबर्समेंट पर कर छूट हटाने का प्रावधान किया गया है। पहली नजर में टैक्स से छूट वाली इनकम और लाभ-हानि मिलाकर देखा जाए तो यह केवल 5,800 रुपये बैठती है। इस इनकम पर प्रत्येक कर्मचारी के लिए कितना कर बचेगा यह उसके टैक्स स्लैब पर निर्भर करेगा। जैसे, अगर किसी की आय 5 लाख रुपये से ज्यादा है तो स्टैंडर्ड डिडक्शन, अलाउंसेज हटाने और सेस बढ़ाने के बाद भी कुछ पैसा बचेगा।

4- स्टैंडर्ड डिडक्शन दोबारा शुरू
बजट 2018 में कर्मचारियों की सैलरी इनकम से 40,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का प्रावधान किया गया है। गौरतलब है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन एक ऐसा अमाउंट होता है जिसे कर योग्य आय की गणना से पहले ही सैलरी इनकम से घटा दिया जाता है। पहले यह इनकम-टैक्स ऐक्ट का हिस्सा था पर 2005-06 के बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने इसे वापस ले लिया था।

5. नई महिला कर्मचारियों के लिए EPF योगदान अब 8%
वित्त मंत्री ने औपचारिक क्षेत्र में अधिक से अधिक महिलाओं को रोजगार में प्रोत्साहन प्रदान करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा है कि इससे महिलाओं की आमदनी बढ़ेगी। जेटली ने कहा, ‘कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम 1952 में संशोधन के जरिए पहले तीन साल के दौरान महिला कर्मचारियों का योगदान घटाकर 8 फीसदी करने का प्रस्ताव है जो फिलहाल 12 फीसदी या 10 फीसदी है। हालांकि नियोक्ता के योगदान में कोई बदलाव नहीं होगा।’ इसके अलावा EPFO के तहत नए कर्मचारियों को सरकार की ओर से 12 फीसदी योगदान दिया जाएगा।

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