May 17, 2024

क्या आपका रसोई घर वास्तु शास्त्र के अनुसार सही है जाने यहां

1 min read
Spread the love

रसोई घर का वास्तु विवेचन –

रसोई घर यानी खाना बनाने की जगह को प्राचीन वास्तु ग्रंथों में घर का सबसे महत्वपूर्ण अंग माना गया है ! क्योंकि इसका सीधा सबंध परिवार की निरोगता और आर्थिकखुशहाली से जुडा हुआ है !रसोई घर की इस विशेषता का मुख्य कारण ये भी है कि रसोईका सबंध अग्नि तत्व से है ! और अग्नि देव का स्थान सब देवतायों से ऊपर माना गया है ! वेदों में अग्निदेव को सब देवों का मुख होने की मान्यता प्राप्त है इसीलिए यज्ञ आदि कर्मों में सभी देवों की हवियाँ अग्नि में ही दी जाती हैं !ज्योतिष शास्त्र में अग्नि का कारक ग्रह मंगल है ! और आग्नेय दिशा को उंच करने वाले ग्रह शुक्र है ! यानी इसस्थान पर शुक्र (जो औरत का कारक है ) उंच यानी नेक असर के देने वाला है इसलिए रसोई घर पर औरत का आधिपत्य माना गया है ! ज्योतिष और वास्तु शास्त्र में ग्रहों के नेक असर की बुनियाद या उनके उच्च होने की हालत पर ही वास्तु और जोतिश शास्त्र के नियमों का निर्धारण किया गया है !उपरोक्त विवेचन के अनुसार रसोई घर दो ग्रहों मंगल एवम शुक्र के मिश्रित कारकत्व का प्रतीक है !मंगल अग्नि तत्व , हकीकी खून (भाई बंद ), स्वाभिमान, हौसला, पोलीस, हथियार का कारकत्व रखता है ! औरत की कुंडली में मंगल से मुराद उसके पति से होती है !और शुक्र लक्ष्मी , औरत , खजाना (जर जोरू जमीन) , परिवारका फलना फूलना, शयन कक्ष और हर प्रकार के ऐश्वर्य के साधन तथा सुख समृधि का कारक है ! मर्द की कुंडली में पत्नी का कारक ग्रह शुक्र माना गया है !घर की वास्तु में रसोई घर का कारक ग्रह मंगल है लेकिन इसका संचालनकर्ता शुक्र या औरत है ! और इसी प्रकार शयन कक्ष का कारक शुक्र है लेकिन वहां अधिपत्य मंगल का है !ये भी माना गया है की जिस जनम कुंडली या मकान कुंडली में मंगल शुक्र आपस में मिल रहे हों और नेक असर के होंयानी उनमे किसी भी प्रकार से दुश्मन ग्रहों का असर न मिल रहा हो तो इन ग्रहों के प्रभाव से पति पत्नी का आपसी प्यार बहुत जयादा होगा , विचारों में मतभेद नहींहोंगे , पारिवारिक सदस्यों और धन दौलत की दृष्टि से वो घर माला माल होगा ! शारीरिक निरोगता होगी ख़ास तौर पर उस घर में किसी को भी खून की बीमारी नहीं होगी ! भाईबहनों , हकीकी रिश्तेदारों और दुन्याबी दोस्तों से नेक सबंध होंगे ! और सब से बड़ी विशेषता ये होगी पत्नी पति को हर सामाजिक और आर्थिक कार्य में पूरा सहयोग देने वाली और कंधे से कन्धा मिला कर चलने वाली होगी !किसी भी घर का वास्तु निरिक्षण करते वक्त यदि निम्न बातें पायी जाएँ तो उस घर में मंगल शुक्र इकट्ठे होनेका उपरोक्त असर उस घर में देखने को मिलेगा !
१. रसोई घर के दरवाजे के ऐन सामने गृहस्वामी के शयन कक्ष के दरवाजे का होना !
२. शयन कक्ष के अन्दर से रसोई घर में जाने का रास्ता होना ! यानी रसोई घर और शयन कक्ष के बीच में द्वार का होना !
३. रसोई घर और शयन कक्ष का साथ साथ होना या एक ही लाईन में होना !
४. घर के दक्षिण में रसोई घर का होना ! यानी SE और SW के बीच वाली जगह में !जिस घर में रसोई और शयन कक्ष का आपस में उपरोक्त सबंध होते हैं इसके बारे में एक बहुत ही महत्व पूर्ण तथ्य वास्तु होरा शास्त्र में दर्ज है की वो ये कि इस घर केगृह स्वामी और उनकी पत्नी पिछले जन्म में भी पति पत्नी ही थे और उनका आपसी प्यार और सहयोग चरमसीमा पर था ! लेकिन किसी वजह से वो जल्दी जुदा हो गए थे और उसी कमी को पूरा करने के लिए उन्हें ये जीवन मिला है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved Powered By Fox Tech Solution | Newsphere by AF themes.