एक प्रचलित कथा मनुष्य को देती है शिक्षा ,यहाँ क्लिक् करके जानें….
1 min readमनुष्य को विपत्ति आने पर भी भगबान का स्मरण नही छोड़ना चाहिए-
एक कबूतर कबूतरनी का जोड़ा आकाश में विचरण कर रहा था,तभी उनके ऊपर एक बाज उनको खाने के लिए उनके ऊपर उड़ने लगा।तब वह दोनों जेसे-तेसे भागने लगे तब जमीन पर एक शिकारी भी उनको मारने के लिए आ गया ।उस समय कबूतर भगवत नाम का स्मरण कर रहा था। और उसे कोईभय नही था,पर उसकी पत्नी को डर लग रहा था।
वह सोच रही थी की की मेरा पति तो गुरु का जप कर रहा हैइसे कोई डर नही है। और हमारी दोनों और से मृत्यु निश्चित है।या तो हमें बाज मार डालेगा या वो नीचे शिकारी है वो मार देगा, अब हमारा क्या होगा हम तो मरने वाले हैं।तभी प्रभु की कृपा से वहाँ जमीन पर एक सांप आ जाता है और वह सांप वहां खड़े शिकारी को ढस लेता है।और उसने जो तीर अपने धनुष पर लगा रखा था वो हाथ से छूट कर उस बाज के लग जाता है।और उनके पास दोनों तरफ से आई हुई मृत्यु टल जाती है।इस पद से हमें ये शिक्षा मिली कि चाहे कितनी भी विपत्ति क्यों ना आ जाए प्रभु का स्मरण नही छोड़ना चाहिए,श्री हरी हमें सारी विपत्तियों ये निकाल लेते हैं। बस उनका ही आसरा होना चाहिए।
सदैव जपिये :–हरे कृष्ण हरे कृष्णकृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे रामराम राम हरे हर