ब्रेकिंग न्यूज़: इस कलयुग मे कुछ भी हो सकता है
1 min readगांव वालों ने जूली नाम की कुतिया के बच्चे पैदा होने पर किया बड़ा आयोजन
चित्रकूट। कोरोना काल के मध्य प्रभु श्रीराम की तपोभूमि और श्री कामदनाथ परिक्रमा क्षेत्र में बेजुबान बंदरों, गायों, कुत्तों आदि की भूख मिटाने के लिए निरंतर खाने की व्यवस्था से लगभग पूरा देश परिचित हो गया है। कोरोना की राहत के बीच चित्रकूट परिक्रमा स्थित खोही गांव के जूली नाम की कुतिया के 5 बच्चे पैदा होने पर “बरहौ” का विशाल आयोजन हिन्दू – मुस्लिम समुदाय के लोगो ने मिलकर किया, चित्रकूट के गांव वालों का बेजुबान जीवों के प्रति प्रेम पुनः उजागर हो गया है।
ग्यारहवीं में पढ़ने वाले छात्र बलराम यादव ने बताया है कि हमारे गांव में कुत्तों के प्रति काफी स्नेह और सम्मान है। बताया गया कि एक बार हमारे गांव में अन्न का अकाल पड़ गया, तो कुत्तों ने ही श्री कामद नाथ से प्रार्थना की,जिससे अन्न का संकट समाप्त हुआ। इसी को दृष्टिगत रख कर धर्म नगरी चित्रकूट के ग्राम खोही में एक ऐसा आयोजन हुआ है जिसके बारे में देखने सुनने को शायद ही मिला हो। इस संपूर्ण कार्यक्रम के संयोजक मुस्तफा खां ,उमेश पटेल,आर के कुरील (नेता) थे। इस सम्पूर्ण आयोजन की सूचना के लिए बाकायदा निमंत्रण कार्ड भी छपवाए गये। कुतिया के मालिक मुस्तफा खां की भावना के अनुरूप पड़ोसी गांव संग्रामपुर से दौरी – पीड़ा लेकर लोग गांव खोही आए और साथ मे बीन-बाजा, बैंड, घोड़ा भी लाये। खोही गांव के लोगों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम और स्वल्पाहार एवं भोजन की व्यवस्था की। सभी ने मिलकर संयुक्त रूप से सामूहिक कार्यक्रम विशाल आयोजित किया गया।
सुभाष पटेल(ब्यूरो चीफ), भारत विमर्श चित्रकूट उप्र.