भिखारी ठाकुर साहित्य नाटक पढ़ाई के कोर्स में भी शामिल होना चाहिए: एनके सिंह
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भोपाल। भोजपुरी एकता मंच के द्वारा भोजपुरी के शेक्सपीयर भिखारी ठाकुर की जयंती के शुभ अवसर पर वर्चुअल समारोह का आयोजन किया गया। भोजपुरी अकाउंट अध्यक्ष कुंवर प्रसाद ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अनुराधा शंकर सिंह एडीजी ने संकल्प दिलाया कि हर रविवार को भोजपुरी भाषा सिखाने के लिए क्लास लगाई जाए हर व्यक्ति अपने घर में अपने बच्चों को भोजपुरी भाषा में ही बात करें और भोजपुरी भाषा सिखाए हमारे सब भोजपुरी समाज की जिम्मेदारी है हमसे जो सहयोग बन पड़ेगा हम करेंगे ताकि भोजपुरी कला साहित्य संस्कृति जीवित रहे उन्होंने कहा भोजपुरी भाषा में यूट्यूब चैनल खोलने का भी उन्होंने सलाह दिया दर्जनों देशों देश-विदेश में भोजपुरी भाषा बोली जाती है हमें अपनी जड़ों को मजबूत करनी है अब हम अपने भोजपुरी समाज और भाषा की पहचान बना पाएंगे भिखारी ठाकुर को अनगढ़ हीरा मलिक जी नामों से जाना जाता है। बहुआयामी प्रतिभा के लोक कलाकार थे एक साथ कवि गीतकार नाटककार नाट्य निर्देशन लोग संगीतकार और अभिनेता थे उनकी मातृभाषा भोजपुरी थी। भिखारी ठाकुर द्वारा लिखित गीतों की प्रस्तुति सत्येंद्र संगीत बिहार से लाइव गाए, रुपया गिनाई लिहल.. पगहा धराई दियल… इत्यादि गाने। वरिष्ठ पत्रकार (नई दिल्ली) और मुख्य वक्ता वरिष्ठ एनके सिंह ने कहा कि पढ़ाई के पाठ्यक्रम में शामिल हो भोजपुरी साहित्य। वैसे तो बहुयामी प्रतिभा के भिखारी ठाकुर जीवन भर सामाजिक कुरीतियों और बुराइयों के खिलाफ कई स्तर पर जूझते रहे भिखारी ठाकुर के विदेशिया नाटक के मंचन पर उनके कई गानों पर रोए हैं सच है कि भिखारी ठाकुर साहित्य नाटक पढ़ाई के कोर्स में भी शामिल होना चाहिए। बच्चों को भोजपुरी भाषा के 14 करोड़ 50000 लोग भाषा को बोलते हैं। उनके नाटक नारी चरित्र पर केंद्रित होते थे। भिखारी ठाकुर की जगह पूरी दुनिया में आज तक किसी ने नहीं ली। इस अवसर पर कृष्ण देव चतुर्वेदी ने अपनी कविता सुनाई इस अवसर पर कुंवर प्रसाद ज्ञानदेव मिश्रा चंद्रभान राही शिव वचन प्रजापति योगेंद्र सिंह आदि उपस्थित रहे। इस मौके पर मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय के निदेशक आलोक चटर्जी ने कहा कि भिखारी ठाकुर पर जितने भी नाटक हैं मंचन पर जोड़ देता रहूंगा। उनके जैसे रंगकर्मी हमने दुनिया में नहीं देखा, हर क्षेत्र में निपुण थे।