हिन्दी हिन्द की है शान…
1 min readनेहा सोनी, भोपाल। कहते है समय के साथ चीज़े बदलती जाती हैं। उनका रूप और स्वरूप भी बदल जाता है। बात अगर भाषा की जाए तो कोई भी भाषा सदैव एक सी नहीं रहती, बदलावों को ग्रहण करके ही आगे बढ़ती है। हिंदी दिवस उन युवाओं के लिए जो हिंदी बोलने में शर्माते है आज के दिन उन्हें समझना चाहिए भाषा का महत्व, हमारी संस्कृति और भारतीयता का महत्व। हिन्दी दिवस के मौके पर आज भारत विमर्श की टीम ने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों और भोपालवासियों से बात की। देखें एक रिपोर्ट…
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की प्रोफेसर अर्पणा बादल ने कहा है कि ”हिंदी वर्ग भेद को खत्म करने वाली सामान्य जन की भाषा है देश के लोगों के व्यवहार की भाषा है हिंदी शब्दों का उच्चारण कठिन नहीं है या एक वैज्ञानिक भाषा है इसके शब्दों के उच्चारण में अंग्रेजी शब्दों की तरह अनियमितता भी नहीं है। वर्तनी और उच्चारण में पूर्ण सामंजस्य है हिंदी में सब कुछ कहा जा सकता है। हिंदी भाषा हमारी मौलिकता और कल्पनाशीलता को भी जागृत करती है और हम सभी का सर्वांगीण विकास करती हैं। समर्थ सशक्त और समृद्ध भारत के विकास के लिए हमें ऐसी भाषा की आवश्यकता है जो हमारा सर्वांगीण विकास करें और हमारे देश को आगे ले जाए”।
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की प्रोफेसर डॉक्टर माया दुबे की हिंदी भाषा पर ये स्वरचित कविता-
हिंदी, हिन्द की शान है,
भारत देश महान हैं।
सब भाषाओं का मुक्ताहार,
हिंदी से है हम सबको प्यार।
नहीं अकड़ है इस भाषा में,
सब भाषा से रखती है यारी।
संस्कृत,संस्कृति का रखती मान,
तत्सम,तत्भव, दशेज, विदेशी,
सब शब्दों का करती समन्वय।
भाई चारे का पाठ पढ़ाती,
हिंदी हो गयी ग्लोबल आज
हिंदी हिन्द की है शान…
नूतन कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा अंजलि कहती हैं कि हमें सभी भाषाओं का ज्ञान होना चाहिए, लेकिन अपनी मूल भाषा को अपनाने में कभी नहीं शर्माना चाहिए।