April 26, 2024

70 साल की बीमारियों को 5 साल में दूर करना कठिन : पीएम मोदी

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दिल्‍ली: लोकसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव को लेकर हुई चर्चा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जी ने अपने अभिभाषण में हम भारत को कहा ले जाना चाहते हैं, कैसे ले जाना चाहते हैं, किन चीजों पर हम काम करना चाहते हैं। इसका एक खाका पेश किया।

उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव का धन्यवाद देश की जनता को है। एक सशक्त, सुरक्षित राष्ट्र का सपना हमारे देश के अनेक महापुरुषों ने देखा है और उसे पूरा करने के लिए अधिक गति के साथ हम सभी को एक साथ मिलकर आगे बढ़ना है। भारत को आज के वैश्विक वातावरण में यह अवसर खोना नहीं चाहिए। देश की आकांक्षाओं को पूरा करने में आने वाली हर चुनौती को हम पार कर सकते हैं। इस चर्चा में करीब 60 नए सांसदों ने हिस्सा लिया। उन्होंने अच्छे ढंग से अपनी बात रखी और इस चर्चा को सार्थक बनाने का काम किया। अनुभवी लोगों ने अपनी तरह से चर्चा को आगे बढ़ाया।

पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी मनुष्य हैं और जो छाप हमारे मन में बैठ जाती है, उसे निकलना कठिन होता है। चुनावी भाषण का असर यहां भी नजर आया और वही बातें सुनने को मिल रही थीं। उन्होंने कहा कि स्पीकर ने ठीक ढंग से इस चर्चा को आगे बढ़ाया, बावजूद इसके कि वो सदन में नए हैं और नए को पुराने सदस्य परेशानी में डालने की कोशिश करते हैं। दशकों बाद देश ने एक मजबूत जनादेश दिया है।

आज के सामान्य वातावरण में और भारत जैसे विशाल लोकतंत्र में सबके लिए गौरव करने की बात है कि हमारा मतदाता कितना जागरूक है। अपने से ज्यादा वो अपने देश से कैसे प्यार करता है, ये इस चुनाव में देखने को मिला है। इस बात के लिए देश का मतदाता अभिनंदन का पात्र है। मतदाता अपने से ज्यादा अपने देश के लिए फैसले करता है। यह बात इस चुनाव में नजर आई है। देश के मतदाता अभिनंदन के अधिकारी हैं। 2014 में हम पूरी तरह नए थे, देश के लिए अपरिचित थे लेकिन उस हालात से बाहर निकलने के लिए देश ने एक प्रयोग के तौर पर हमें मौका दिया। 2019 का जनादेश पूरी तरह कसौटी पर कसने के बाद हर तराजू पर तौलने के बाद, पल पल को जनता ने जांचा और परखा है, उसके आधार पर समझा है और तब जाकर फिर से हमें चुना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चर्चा के प्रारम्भ में पहली बार सदन में आए डॉ. प्रताप सारंगी और आदिवासी समाज से आई हमारी बहन हिना गावित ने जिस प्रकार से विषय को प्रस्तुत किया और जिस बारीकी से बातों को रखा, तो मैं समझता हूं कि मैं कुछ भी न बोलूं तो भी चलेगा। पिछले पांच साल के कार्यकाल में हमारे मन में यही भाव रहा कि जिसका कोई नहीं उसके लिए सिर्फ सरकार होती है। जनता के लिए जूझना, खपना 5 साल की तपस्या का फल मिला है। कौन हारा, कौन जीता यह मेरी सोच का हिस्सा नहीं है। देशवासियों के सपने और उनकी आशा मेरी नजर में रहती है। 2014 में जब जनता ने मौका दिया और सेंट्रल हॉल में वक्तव्य देने का मौका मिला तो मैंने कहा था कि मेरी सरकार गरीबों को समर्पित है। 5 साल बाद संतोष के साथ कह सकता हूं जो संतोष जनता ने ईवीएम का बटन दबाकर व्यक्त किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम लकीर छोटी करने में अपना समय बर्बाद नहीं करते। पीएम ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि सदन में कहा गया कि हमारी ऊंचाई को कोई कम नहीं कर सकता। ऐसी गलती हम नहीं करते, हम किसी की लकीर को छोटी करने में अपना समय बर्बाद नहीं करते, हम अपनी लकीर लंबी करने में जीवन खपा देते हैं। कुछ लोग इतना ऊपर पहुंच गए हैं कि अपनी जड़ों से कट गए हैं। आपको ऊंचाई मुबारक, हम देश की जड़ों से जुड़ना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि चीजों को बदलने में काफी मेहनत लगती है, 70 साल की बीमारियों को 5 साल में दूर करना कठिन होता है लेकिन हमने वो दिशा पकड़ी और कठिनाइयों के बावजूद उस दिशा को छोड़ा नहीं। उन्होंने कहा कि हम न अपने लक्ष्य से न हटे न पीछे मुड़े। हमने शौचालय को सिर्फ चार दीवार नहीं समझा, हमने हर व्यवस्था के पीछे के मकसद को समझा, जनता ने चूल्हा मांगा था न बिजली, पहले प्रश्न उठना था कि क्यों नहीं कर रहे अब सवाल उठता है क्यों कर रहे हैं। गरीबों का कल्याण हो, लेकिन साथ में आधुनिक भारत भी आगे बढ़े। देश को आधुनिक बनाने की योजनाएं भी साथ में लागू होनी चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा कि 25 जून 1975 को देश की आत्‍मा को कुचल दिया गया था। 25 जून के दाग कभी नहीं मिटेंगे। देश की मीडिया को दबोच दिया गया था। पूरे देश को जेलखाना बना दिया गया था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के पहले मरने का मिजाज था और आजादी के बाद देश के लिए जीने का संकल्प है। जब इरादा कर लिया ऊंची उड़ान का, तब फिजूल ही देखना कद आसमान का। हमें राष्ट्रपति की अपेक्षा को पूरा करने के लिए आगे आना चाहिए। छोटा सोचना मुझे पसंद नहीं है, सवा सौ करोड़ देशवासियों के सपने अगर पूरे करने हैं तो मुझे छोटा सोचने का अधिकार भी नहीं है। हमें आराम का रास्ता पसंद नहीं, हम देश के लिए जीने आए हैं।

उन्होंने कहा कि 3 सप्ताह में सरकार ने कई अहम फैसले लिए ताकि देश को आगे लाया जा सके। किसान सम्मान निधि का दायरा बढ़ाया, सेना के जवानों के बच्चों और पुलिस के बच्चों के लिए भी अहम फैसले लिए। मानव अधिकारों से जुड़े अहम बिल संसद में लेकर आए हैं। सबको साथ लेकर चलने के लिए जितने काम हो सकते हैं हम तुरंत आते ही वो काम किए हैं।

मोदी ने कहा कि सरदार सरोवर बांध सरदार पटेल के दिमाग की उपज थी लेकिन इस बांध पर काम में लगातार देरी हो रही थी। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में, मुझे इस परियोजना के लिए उपवास पर बैठना पड़ा। एनडीए के सत्ता में आने के बाद, काम की गति बढ़ गई और इससे कई लोगों को फायदा हो रहा है। आज जब हम जल संसाधनों की बात करते हैं तो मुझे डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर की याद आती है।

आपको बताते चले कि 17 वीं लोकसभा के शुरू होने के बाद यह संसद का पहला सत्र चल रहा है। इस चर्चा के पहले दिन सोमवार को लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा इसलिए 2019 का चुनाव जीतने में कामयाब रही, क्योंकि पीएम मोदी एक ‘बहुत बड़े सेल्समैन’ हैं। इस दौरान उन्होंने मर्यादा लांघते हुए पीएम मोदी के लिए ‘गंदी नाली’ जैसे गंदे शब्द का इस्तेमाल किया। प्रधानमंत्री इस दौरान सदन में मौजूद थे। अधीर रंजन चौधरी ने इस दौरान 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला कोल घोटाला को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर किसी ने कोई गलत काम किया है तो यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी जेल में क्यों नहीं हैं। वे अभी भी संसद में क्यों हैं।

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