तमिलनाडु के 111 किसान मोदी के ख़िलाफ़ लड़ेंगे चुनाव
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वाराणसी : दिल्ली में काफ़ी समय से अलग-अलग ढंग से विरोध प्रदर्शन करने के बाद तमिलनाडु के 111 किसानों ने आगामी आम चुनाव 2019 में वाराणसी संसदीय सीट से नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ चुनाव लड़ने का फ़ैसला किया है.
वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी ने वाराणसी और वड़ोदरा से चुनाव लड़कर दोनों जगहों से जीत प्राप्त की थी. 2019 के आगामी आम चुनाव में भी मोदी वाराणसी से ही चुनाव लड़ने जा रहे हैं. किसानों के नेता पी. अय्याकन्नू ने एक न्यूज़ चैनल से बातचीत करते हुए कहा है कि वह वाराणसी के लोगों को दिखाना चाहता हूँ कि देश के किसान किस स्थिति में अपनी ज़िंदगी जी रहे हैं, हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि अगर बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में उनके मुद्दों को शामिल करने का आश्वासन दिया तो वे अपने फ़ैसले को टाल सकते है.
तमिलनाडु से वाराणसी आकर चुनाव लड़ने का फ़ैसला करने वाले 111 किसानों के दल के नेता पी. अय्याकन्नू ने कहा, “मैं नेशनल साउथ इंडियन रिवर इंटर लिंकिंग फार्मर असोशिएसन का प्रदेश अध्यक्ष हूँ. हम 400 किसानों ने दिल्ली जाकर 140 दिनों तक खेती से जुड़े उत्पादों के लिए मुनाफ़े वाली क़ीमत की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया था. उन मांगो में एक मांग किसानों की क़र्ज़ माफ़ी की मांग भी शामिल थी. 2014 के चुनाव के दौरान हमारे प्रधानमंत्री मोदी ने ऐलान किया था कि अगर वह प्रधानमंत्री बनते हैं तो वह खेती से जुड़े उत्पादों को दुगनी क़ीमत देंगे.” मगर हुआ कुछ नहीं.
आपको बताते चले कि दिल्ली के जंतर-मंतर पर अपने प्रदर्शन के दौरान इन किसानों ने विरोध की कई अलग-अलग शैलियों का प्रयोग किया था. सबसे पहले मोदी सरकार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने नर खोपड़ियों के साथ प्रदर्शन किया और प्रदर्शनाकरियों ने दावा किया था कि प्रदर्शन में शामिल सभी खोपड़ियां आत्महत्या करने वाले किसानों की हैं. फिर इन किसानों ने एक दिन अर्द्ध-नग्न होकर भी प्रदर्शन किया था और उसके बाद भीषण गर्मी में किसानों ने सड़क पर लेट कर अपना विरोध दर्ज कराया था और फिर प्रदर्शनारी किसानों ने सिर के आधे बाल और आधी मूंछ कटाकर भी प्रदर्शन किया था. लेकिन इन सबके बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन किसानों से मुलाक़ात तक नहीं की थी.