क्या छापा “द हिंदू” ने की मच गया कोहराम
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दिल्ली: अंग्रेजी अखबार द हिंदू ने कल एक अपनी रिपोर्ट में तत्कालीन डिफेंस सेक्रेट्री जी मोहन कुमार का नोट छापा है. जिसके बाद राफेल मुद्दे के फिर हवा मिल गयी. पक्ष और विपक्ष दोनों के बीच ज़ुबानी जंग अब तक जारी है.
दरअसल उस रिपोर्ट में दावा कि गया है कि 1 दिसंबर 2015 को तत्कालनी डिफेंस सेक्रेट्री जी मोहन कुमार ने तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को चिट्ठी लिखकर राफेल डील में प्रधानमंत्री कार्यालय की बढ़ती दखलअंदाजी की शिकायत की थी. उन्होंने कहा था कि पीएमओ के हस्तक्षेप से भारत का पक्ष कमजोर पड़ सकता है और डील की प्रक्रिया लंबी चल सकती है.
11 जनवरी 2016 को मनोहर पर्रिकर ने चिट्ठी लिखकर तत्कालनी डिफेंस सेक्रेट्री जी मोहन कुमार को लिखा था कि ‘ऐसा लगता है कि पीएमओ और फ्रेंच प्रेसिंडेट पूरी प्रक्रिया की मॉनीटरिंग कर रहे हैं जो मीटिंग में तय हुई थी. ऐसा लगता है कि पांचवा पारा ओवर रिएक्शन है. डिफेंस सेक्रेट्री मामले को पीएम के प्रिंसिपल सेक्रेट्री के साथ मिलकर सुलझा सकते हैं.’
द हिंदू अखबार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि राफेल डील में पीएम मोदी के हस्तक्षेप को लेकर डिफेंस मिनिस्ट्री ने आपत्ति दर्ज की थी और पीएमओ रक्षा मंत्रालय के खिलाफ जाकर डील कर रहा था. मोहन कुमार ने अपनी हाथ से नोट लिखा था कि रक्षा मंत्री कृप्या इस मामले को देखें, पीएमओ को इस सौदे को लेकर इस तरह की बातचीत से बचना चाहिए, इससे राफेल को लेकर हमारे समझौते पर गहरा असर पड़ सकता है. हालांकि इस पूरे विवाद पर मोहन कुमार ने न्यूज एजेंसी एएनआई को स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उनका विरोध कीमतों को लेकर नहीं था और उसका कीमतों से कोई लेना देना नहीं था. उन्होंने कहा था कि उनका विरोध गारेंटी और जनरल टर्म को लेकर था.
द हिंदू की खबर के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार सुबह सुबह ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पीएम नरेंद्र मोदी पर सीधे निशाना साधा. इस रिपोर्ट को लेकर सदन में भी हंगामा हुआ. इस हंगामे पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने अखबार पर सवाल उठाते हुए कहा, “एक समाचारपत्र ने रक्षा सचिव की नोटिंग को प्रकाशित किया. अगर कोई समाचारपत्र एक नोटिंग को छापता है, तो पत्रकारिता की नैतिकता की मांग है कि तत्कालीन रक्षामंत्री का जवाब भी प्रकाशित किया जाए.