जानें कितना बड़ा था 2G आवंटन घोटाला
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नई दिल्ली: आपको बता दें की साल 2010 में सीएजी (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक संस्था) ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा करते हुये कहा था कि 2G स्पेक्ट्रम की नीलामी में गड़बड़ियां की गयीं हैं और इससे देश को एक करोड़ 76 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. 2G स्पेक्ट्रम का आवंटन साल 2008 में किया गया था.
आरोप था कि नियमों को ताक पर रख कर टेलिकॉम कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया और बाजार भाव से बेहद कम कीमत पर 2G स्पेक्ट्रम बेचा गया. बाद में कंपनियों ने 2G लाइसेंस को कुई गुना महंगी कीमतों पर बेच दिया. इस मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और डीएमके सांसद कनिमोझी को जेल जाना पड़ा था. साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने 2G के सभी 122 लाइसेंस रद्द किए.
2G घोटाले में आरोपी नेताओं और नौकरशाहों का नेक्सस जिनका नाम देश के सबसे बड़े घोटाले में आया
नेता :
ए राजा (तत्कालीन दूरसंचार मंत्री)
DMK की पूर्व सांसद कनिमोझी (करूणानिधि की बेटी)
दयालु अम्मा (करूणानिधि की पत्नी)
अधिकारी :
सिद्धार्थ बेहुरा, पूर्व टेलिकॉम सेक्रेटरी
आर के चंदोलिया, ए राजा के निजी सचिव
कारोबारी :
शाहिद बलवा, स्वान टेलिकॉम के प्रमोटर
विनोद गोयनका, स्वान टेलिकॉम के डायरेक्टर
संजय चंद्रा, यूनिटेक के डायरेक्टर
आसिफ बलवा, कुसगांव फ्रूट्स एंड वेजिटेबल के डायरेक्टर
राजीव अग्रवाल, कुसगांव फ्रूट्स एंड वेजिटेबल के डायरेक्टर
शरद कुमार, कलाइंगर टीवी के एमडी
करीम मोरानी, फिल्म प्रोड्यूसर
गौतम दोषी, रिलायंस कम्युनिकेशन के अधिकारी
सुरेन्द्र पिपारा, रिलायंस कम्युनिकेशन के एमडी
हरी नायर, रिलायंस कम्युनिकेशन के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट
रविकांत रुईया, एस्सार ग्रुप के वाइस चेयरमैन
अंशुमान रुइया, एस्सार ग्रुप के डायरेक्टर
विकास सराफ, एस्सार ग्रुप के डायरेक्टर
किरण खेतान, कॉरपोरेट प्रमोटर, लूप टेलिकॉम
ईश्वरी खेतान, कॉरपोरेट प्रमोटर, लूप टेलिकॉम