किसानों के आंदोलन में विपक्ष एकजुट, मोदी सरकार पर साधा निशाना
1 min read
दिल्ली: दिल्ली में किसानों के आंदोलन के बहाने विपक्ष के नेताओं में शुक्रवार को फिर एकता दिखी. करीब एक लाख किसान दिल्ली में अपनी मांगों को लेकर जुटे हैं. इन किसानों को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एमएसपी बढ़ाने और बोनस देने का वादा किया था लेकिन इस बारे में कुछ नहीं किया गया.
कांग्रेस सहित लगभग सभी विपक्षी पार्टियों ने किसानों के इस मार्च का समर्थन किया. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के अलावा एनसीपी प्रमुख शरद पवार , एनसी नेता फ़ारूक़ अब्दुल्ला और अन्य ने भी किसानों को सम्बोधित करते हुए मोदी सरकार पर जमकर हमला किया.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि अगर 15 लोगों का कर्जा माफ हो सकता है तो हिंदुस्तान के करोड़ों किसानों का कर्जा माफ किया जाएगा. ‘किसान कोई फ्री गिफ्ट नहीं मांग रहा, अपना हक मांग रहा है. राहुल ने कहा – हम किसानों के साथ हैं. किसानों ने इसपर तालियां बजाकर उनकी बात का समर्थन किया.
राहुल ने राफेल डील पर अपने पुराने आरोपों के संदर्भ में कहा, ‘हिंदुस्तान का किसान मोदीजी से अनिल अंबानी का हवाई जहाज नहीं मांग रहा है. किसान पूछ रहा है कि अगर अनिल अंबानी को वायुसेना का पैसा दे सकते हो, 15 अमीर मित्रों का कर्जा माफ कर सकते हो तो हमारा भी माफ करो.’ राहुल ने विपक्षी एकता की बात करते हुए कहा, ‘हम सब की विचारधारा अलग है, लेकिन किसान और युवाओं के लिए हम एक हैं. चाहे कानून बदलना पड़े, सीएम बदलना पड़े, या पीएम बदलना पड़े, हम बदलेंगे. पूरे देश से हिंदुस्तान के किसान और युवाओं की आवाज है,जिसे आप चुप नहीं कर सकते.’
आम आदमी पार्टी संयोजक और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी अपने संबोधन में मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. केजरीवाल ने कहा, ‘मोटे तौर पर तीन मांगें समझ में आती हैं. जितना कर्ज किसानों का है वह सारा कर्ज माफ होना चाहिए. किसानों को उनकी फसल का पूरा दाम मिलना चाहिए. जो वादा किया गया था स्वामीनाथन आयोग का उसे लागू किया जाना चाहिए. किसानों को भीख नहीं चाहिए, किसान अपना हक मांग रहे हैं. सरकारें एमएसपी निर्धारित कर देती हैं लेकिन इस दाम पर कोई नहीं खरीदते नहीं है. किसान की फसल बर्बाद हो जाए तो सरकार ने जो फसल बीमा है योजना बनाई है यह फ्रॉड है, किसानों के साथ धोखा है. वह बीजेपी की किसान डाका योजना है बीजेपी की. इस बीमा योजना को बंद करो, 3 साल से जितने पैसे लिए हैं किसानों के उसे वापस करो। इसकी जगह किसान मुआवजा योजना लाओ.’
केजरीवाल ने कहा, ‘हमने दिल्ली के किसानों को 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेअर के हिसाब से मुआवजा दिया. भारत की किसी सरकार ने ऐसा नहीं किया था. अगर दिल्ली सरकार कर सकती है तो क्या मोदी सरकार नहीं कर सकती? जितनी चिंता अंबानी अडाणी की रहती है उसका 10 प्रतिशत किसानों की चिंता कर लो. अगर ऐसा नहीं कर सकते तो अगली बार वोट भी अंबानी-अडाणी से ही मांगना.
किसानों के मार्च की अगुवाई कर रहे भाकपा नेता अतुल अंजान ने कहा कि देश में कृषि और ग्रामीण जीवन पर संकट गहराता जा रहा है. ”सरकार ने खुद माना है कि बीते सालों में तीन लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू नहीं हुई है. साठ साल से ज्यादा उम्र के किसानों को प्रतिमाह 10 हजार रुपए की पेंशन मिलनी चाहिए.
गौरतलब है कि दिल्ली में करीब एक लाख किसान कर्ज माफी और बेहतर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग को लेकर रामलीला मैदान में जुटे हैं. किसानों के प्रदर्शन का शुक्रवार को दूसरा था. ऑल इंडिया संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमेटी (एआईकेएससीसी) के बैनर तले जुटे इन किसानों की सरकार से मांग है कि आगामी शीतकालीन सत्र में कृषि संकट पर संसद में चर्चा हो.
एआईकेएससीसी का दावा है कि हाल के दिनों में राजधानी दिल्ली में किसानों का यह अब तक का सबसे बड़ा जमावड़ा है. किसानों का यह मार्च गुरुवार को आनंद विहार, निजामुद्दीन, बिजवासन रेवले स्टेशन और सब्जी मंडी से गुजरा. वहीं, किसानों ने शुक्रवार को रामलीला मैदान से संसद भवन की ओर मार्च किया हालाँकि उन्हें पुलिस ने सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त निश्चित दिया गया. किसान आंदोलनकारी अब संसद मार्ग थाने पर ही सभा कर रहे हैं. आंदोलन का समर्थन कर रहे लगभग दो सौ किसान एवं सामाजिक संगठनों और 21 राजनीतिक दलों के नेता संसद मार्ग थाने पर किसानों के बीच मौजूद रहे.