लक्ष्य का निर्धारण कर लक्ष्य प्राप्ति के लिए संकल्प लेना चाहिए – प्रो भरत मिश्रा, कुलगुरु
चित्रकूट – आज प्रार्थना सभा में महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा का सम्मान विद्यार्थियों और स्टाफ ने किया। आज का दिन एक विशेष संयोग से जुड़ा, जब कुलगुरु के रूप में अपने अंतिम कार्य दिवस पर प्रो भरत मिश्रा ने मूल्य एवं सामाजिक उत्तरदायित्व पाठ्यक्रम के अंतर्गत अंगीकार मासिक प्रार्थना सभा की अध्यक्षता की।
इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि लक्ष्य का निर्धारण कर लक्ष्य प्राप्ति के लिए संकल्प लेना चाहिये। इस मौके पर प्रो मिश्रा ने ग्रामोदय विश्वविद्यालय की उपलब्धियों यथा : ए डबल प्लस, यूजीसी द्वारा कटेगरी फर्स्ट की स्वायत्तता, 5 नए पाठ्यक्रमों के साथ दूरवर्ती पाठ्यक्रमों के संचालन की पुनः मान्यता, विद्यार्थियों की प्रवेश संख्या, ऑन लाइन सेवा विस्तार, जल संरक्षण संरचना निर्माण, सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त परिसर, ग्रीन क्लीन कैंपस, ग्राम दर्शन प्रकल्प, समय पर प्रवेश, पढ़ाई,परीक्षा, मूल्यांकन और परिणाम की गुणवत्ता पूर्ण कार्यशैली का श्रेय ग्रामोदय स्टाफ के कौशल और लगन को दिया।
उल्लेखनीय है कि कुलगुरू प्रो भरत मिश्रा कुलगुरु के रूप में अपनी नियुक्ति पाने के बाद से नियमित मासिक प्रार्थना सभा कराने का संकल्प लिया था। पूरे चार साल तक बगैर किसी व्यवधान के प्रत्येक माह के अंतिम शुक्रवार को प्रार्थना सभा संपन्न होती रही। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने प्रो. भरत मिश्रा के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में चल रही अध्ययन अध्यापन की गुणवत्तापूर्ण शैली की प्रशंसा की।विद्यार्थियों ने अपनी भावाभिव्यक्ति में कहा कि भी व्यक्ति ने कहा कि हमारे विश्वविद्यालय में प्रत्येक माह के अंतिम शुक्रवार को प्रार्थना सभा का आयोजन किया जाता है,जो न केवल आध्यात्मिक अनुशासन का प्रतीक है बल्कि हमारे चरित्र निर्माण, नैतिक मूल्यों और भारतीय सांस्कृतिक विरासत से गहरा जुड़ाव भी स्थापित करती है। इसके लिए कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा बधाई के पात्र हैं। विद्यार्थियों ने कुलगुरु के व्यक्तित्व को लेकर कहा कि जिनकी एक आवाज से हम सब विद्यार्थियों का हौसला दुगना हो जाता है, जिनकी बस एक मुस्कान से पूरा विश्वविद्यालय खेल खिला उठता है। जिनकी सोच से रोशन है ग्रामोदय का हर कोना । हमारे कुलगुरु के नेतृत्व में तो पत्थर भी पारस बन जाता है। आज की प्रार्थना सभा हमारे लिए केवल नियमित दिनचर्या नहीं बल्कि एक भावनात्मक अवसर है। हमारा ग्रामीण परिवेश, हमारी संस्कृति, हमारी धरती की सुगंध आदि को ग्रामोदय परिसर ने हमेशा सजो कर रखा है और कुलगुरु के शांत स्वभाव से विश्वविद्यालय ने अनेक ऊंचाइयां स्पर्श की है। ग्रामीण विकास एवं व्यवसाय प्रबंधन संकाय के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना सभा कार्यक्रम का प्रारंभ विद्या दायिनी मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण,दीपप्रज्वलन, ॐ के सामूहिक को उच्चारण, सरस्वती वंदना एवं कुल गीत के साथ हुआ। कार्यक्रम श्रृंखला में सुमित पांडे ने भगवत गीता के श्लोक का वाचन भावार्थ के साथ किय। रवि शंकर ने महापुरुष के जीवन के अंतर्गत गुरु तेग बहादुर के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।
बीकॉम, बीबीए, एमबीए पाठ्यक्रम केछात्र विभव, रवि शंकर, सुमित पांडे सूरज चौधरी, हिमांशी, खुशबू, रिया, पूजा बागरी और अर्पणा सिंह ने संयुक्त रूप से छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोकगीत सुआ गीत की प्रस्तुति की। पूजा त्रिपाठी ने स्वदेशी विषय पर केंद्रित आत्मनिर्भर भारत पर विचार रखें। उप कुलसचिव प्रो साधना चौरसिया ने मासिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। शोधार्थी नमानि सोनाकिया ने एकल गायन के रूप में सुंदर और प्रेरक भजन प्रस्तुत किया। रघुपति राघव राजा राम का सामूहिक भजन प्रस्तुति हुआ।
संयोजन डॉ विवेक फड़नीस और संगतकारी डॉ दादू राम, डॉ सुषमा, अवधेश आदि ने किया। कार्यक्रम का सफल संचालन बीएससी बी एड की छात्रा यामिनी तुरकर ने किया। इस अवसर ग्रामोदय विश्वविद्यालय कुलसचिव प्रो आर सी त्रिपाठी, अधिष्ठाता गण प्रो नन्द लाल मिश्रा, प्रो सूर्य कांत चतुर्वेदी, प्रो आञ्जनेय पांडेय, प्रो सी पी गुजर, निदेशक प्रो सुधाकर मिश्रा, प्रो कमलेश थापक, इ सीपी बस्तानी, सांस्कृतिक समन्वयक प्रो नीलम चौरे, प्रो ललित कुमार सिंह सहित
शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों और छात्र छात्राओं ने सहभागिता की।

जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट मध्य प्रदेश
