लाखों दीपों से जगमग हुई भगवान श्री राम की पावन कर्मस्थली पवित्र नगरी चित्रकूट धाम
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चित्रकूट – मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की पावन कर्मस्थली पवित्र नगरी चित्रकूट धाम में परंपरागत रुप से लगने वाले पांच दिवसीय दीपावली मेला महापर्व पर दीपदान करने के लिए श्रृद्धालु भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा।चित्रकूट क्षेत्रांतर्गत पांच किलो मीटर के कामदगिरि परिक्रमा मार्ग सहित मंदाकिनी नदी किनारे रामघाट, भरत घाट, राघव प्रयाग घाट के अलावा हनुमानधारा,स्फटिक शिला,सती अनुसुइया, गुप्त गोदावरी और भरतकूप आदि धार्मिक स्थलों पर श्रृद्धालु भक्तों चित्रकूट पहुंचकर दीपदान किया जा रहा है। चित्रकूट में दीपदान करने का महत्व सनातन संस्कृति में चार प्रमुख शाश्वत पर्व दीपावली, विजयादशमी, रक्षा बंधन और होली हैं। दीपावली और विजयादशमी का संबंध भगवान श्री राम से है,तो वहीं रक्षा बंधन का बामन अवतार और होली का भक्त प्रहलाद से है। दीपावली का महापर्व जब से सृष्टि है तब से मनाया जा रहा है।जबकि चित्रकूट धाम दीपावली के दिन दीपदान करने का विशेष महत्व है। वनवास काल में जब भगवान श्री राम माता जानकी और लक्ष्मण जी के साथ रहते थे,तब माता जानकी ने देखा कि अमावस्या की रात्रि में गहन अंधेरा छाया हुआ है।अंधेरा दूर करने के लिए माता जानकी द्वारा चित्रकूट में सर्वत्र दीपदान प्रज्वलित किए गए।तभी से चित्रकूट में दीपदान करने का विशेष महत्व है। यह देखा जा रहा है कि पिछली बार से भी अधिक श्रृद्धालु भक्त दीपदान करने के लिए चित्रकूट धाम पहुंचे हैं।प्रशासन द्वारा तीर्थ यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए व्यापक व्यवस्थाएं और इंतजाम किए गए हैं।इसी के चलते तीर्थ यात्री आराम से नदी में स्नान करने के बाद परिक्रमा करते हुए दीपदान कर रहे हैं।इस बार दीपावली मेला महापर्व पर 40 लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों के चित्रकूट आगमन का अनुमान लगाया जा रहा है।




जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट मध्य प्रदेश
