महिला कला भवन में जमीदोज हो गई, महिला उत्थान की कलाए
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सतना – 70 वर्ष पहले सतना शहर की महिलाओं व बालिकाओं के बौद्धिक विकास के लिए शहर के मध्य स्टेशन रोड में दूरसंचार कार्यालय के बगल से पूर्व विधायक श्रीमती कांताबेन पारेख जैसी कुछ जागरूक महिलाओं की सक्रियता के परिणाम स्वरुप सन् 1955 में संचालित किया गया महिला कला भवन वर्तमान समय की आधुनिक सोच से लथपथ महिलाओं के कारण लगभग मृतप्राय हो चुका है। कभी इस महिला कला भवन में संगीत के स्वरों से गूंजने वाली कलाएँ तो कई वर्ष पूर्व जीवित दफन कर दी गई थी। इसके साथ-साथ सिलाई कढ़ाई आदि कलाओं का प्रशिक्षण भी जमीदोज कर दिया गया। अब इस प्रांगण में एक मात्र कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय महिला समिति ही संचालित है लेकिन कक्षा एक से 12 तक में मात्र 50- 60 से अधिक संख्या छात्रों की नहीं है। इस विद्यालय की शिक्षक शिक्षिकाओं ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि इस विद्यालय को संचालित करने वाली जो महिला समिति बनी हुई है। वर्तमान में उसकी अध्यक्ष पूनम माहेश्वरी और सचिव सीमा बड़ेरिया हैं। जिन्होंने लगभग एक सप्ताह पूर्व सभी शिक्षकों को स्वैच्छिक सेवा मुक्ति का पत्र देने का प्रयास किया था जिसे किसी शिक्षक ने नहीं लिया। शिक्षकों ने बताया कि मात्र सेवा मुक्ति का पत्र शिक्षकों को दिया जा रहा है। जबकि हमारी मांग है कि हमें हमारे सेवा काल का वेतन भत्ता आदि देकर पूरा हिसाब कर दिया जाए वह देने के लिए समिति राजी नहीं है।
विद्यालय के अंदर व्यापारी की गोदाम*
शिक्षकों ने बताया कि विद्यालय के अंदर एक व्यापारी को गोदाम के लिए कक्षा 6 का कमरा किराए पर दे दिया गया। जो पूरी तरह नियम के विरुद्ध है प्रेस के माध्यम से उक्त विद्यालय के शिक्षकों ने शासन प्रशासन से इसमें हस्तक्षेप करने की मांग की है l

अहेश लारिया ब्यूरोचीफ भारत विमर्श सतना मध्य प्रदेश