September 28, 2024

राज्यपाल पर लगा यौन उत्पीड़न का आरोप

1 min read
Spread the love

पश्चिम बंगाल – राज्यपाल पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों से एक बार फिर पश्चिम बंगाल की राजनीती में भूचाल आ गया है. पश्चिम बंगाल के राजभवन में स्थापित पीस रूम यानी शांति कक्ष से जुड़ी एक अस्थायी कर्मचारी ने यह आरोप लगाया है. महिला अस्थायी कर्मचारी ने गवर्नर हाउस के अंदर स्थित पुलिस चौकी पर पहुंचकर राज्यपाल सीवी आनंद बोस पर आरोप लगाया कि उसके साथ छेड़छाड़ किया गया. स्तब्ध पुलिसवालों ने अपने अधिकारियों को सूचना देने के साथ उसे Hare Street के स्थानीय पुलिस स्टेशन पर ले जाया गया. यहां पीड़िता ने लिखित तहरीर देकर यह आरोप लगाया कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने नौकरी के बहाने उसके साथ कई बार छेड़छाड़ किया.

हालांकि, विशेषाधिकार की वजह से कोई केस नहीं दर्ज किया जा सका। उधर, महिला द्वारा थाने में शिकायत के बाद राज्य की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। संविधान में आर्टिकल 361 के तहत राष्ट्रपति या राज्यपाल के खिलाफ पद पर बने रहने के दौरान कोई भी क्रिमिनल प्रोसिडिंग नहीं की जा सकती है। यानि कि कोई भी आपराधिक मामला न दर्ज किया जाएगा न ही उसके तहत कोई कार्रवाई की जाएगी।

राज्यपाल ने किया इनकार : उधर, राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने ऐसे किसी भी आरोप से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि यह एक इंजीनियरर्ड नैरेटिव है। उन्होंने कहा कि अगर कोई मुझे बदनाम करके कुछ चुनावी लाभ चाहता है, तो भगवान उन्हें आशीर्वाद दें। लेकिन वे बंगाल में भ्रष्टाचार और हिंसा के खिलाफ मेरी लड़ाई को नहीं रोक सकते।

अब इस पुरे मामले में पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी टीएमसी ने केंद्र सरकार को घेरा है. टीएमसी ने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि जो राज्यपाल संदेशखाली में महिलाओं को न्याय के लिए पहुंचे थे, वह खुद ऐसे कृत्य में शामिल हैं. टीएमसी ने केंद्र सरकार से पूरे मामले में सफाई देने की मांग की है. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बंगाल दौरे पर उनसे पूछा है कि वे राज्यपाल से जुड़े इस मसले पर कब अपनी चुप्पी तोड़ेंगे।

भारत विमर्श भोपाल मध्य प्रदेश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved Powered By Fox Tech Solution | Newsphere by AF themes.