स्टालिन बने डीएमके के नए अध्यक्ष
1 min readचेन्नई : डीएमके चीफ करूणानिधि की मृत्यु के बाद अध्यक्ष पद के रूप में उनके छोटे सुपुत्र एमके स्टालिन को उत्तराधिकारी माना जा रहा था। सात अगस्त को करूणानिधि के निधन के बाद उनके खाली पड़े पद पर स्टालिन के बैठने की पूरी संभावना थी। आज उस पर डीएमके पार्टी की ओर से मुहर लगा दी गई है। एमके स्टालिन आज डीएमके के नए अध्यक्ष के रूप में मनोनित कर लिए गए है। करूणानिधि भी अपने छोटे पुत्र स्टालिन को ही अपना उत्तराधिकारी मानते थे। स्टालिन को निर्विरोध रूप से पार्टी का नया अध्यक्ष चुन लिया गया है। हालांकि स्टालिन ने 26 अगस्त को नामांकन भरा था पर वह नामांकन करने वाले अकेले उम्मीदवार थे, पार्टी के अन्य किसी भी नेता ने उनका विरोध नहीं किया।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एम. के स्टालिन को ट्वीट करके बधाई दी है। उन्होंने कहा कि मैं उनकी खुशी और सफलता की कामना करता हूं। उनका पार्टी अध्यक्ष के रूप में राजनीति में नया अध्याय शुरू हो रहा है।
स्टालिन के पदभार संभालने से पूर्व पार्टी के करूणानिधि के बड़े बेटे एम.के अलागिरी, जो कि पार्टी से निष्कासित हैं, उन्होंने अपनी वापसी के लिए धमकी भी दी थी। उनके अनुसार यदि उन्हें पार्टी के अंदर नहीं लिया गया तो उसका अंजाम बुरा होगा। परंतु इसका असर पार्टी पर नहीं पड़ा, और स्टालिन सर्वमत से अध्यक्ष बनाये गए। स्टालिन के अध्यक्ष पद पर आ जाने के बाद कोषाध्यक्ष के रूप में पार्टी प्रधान सचिव दुरई मुरूगन को नया कोषाध्यक्ष चुना गया है। इस पद पर पहले स्टालिन कार्य कर रहे थे। स्टालिन के नए अध्यक्ष बनने के तुरंत बाद पार्टी की मीटिंग में करूणानीधि के लिए भारत रत्न की मांग की गई है।