April 29, 2024
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चित्रकूट – महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह विवेकानंद सभागार में पूरी गरिमा और अनुशासित तरीके से संपन्न हुआ, जिसमे 68 शोध कर्ताओं को पीएचडी उपाधि और 832 स्नातक परास्नातक छात्र छात्राओं को डिग्री प्रदान की गई। 40 टापर छात्र छात्राओं को मैडल प्रदान किए गए। कृषि स्नातक छात्रा श्रेया तिवारी को नाना जी देशमुख स्मृति मैडल प्रदान किया। इस कार्यक्रम में आनंदम धाम पीठ वृन्दावन के पीठाधीश्वर रितेश्वर महाराज मुख्य अतिथि रहे। कुशा भाऊ ठाकरे पत्रकारिता और जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर छत्तीसगढ़ के कुलपति प्रो बलदेव भाई शर्मा विशिष्ट अतिथि रहें । इंदिरा गांधी राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति विश्व विद्यालय अमरकंटक के कुलपति प्रो प्रकाश मणि त्रिपाठी दीक्षांत उद्वोधन दिया।ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने अध्यक्षता की। कुलसचिव नीरजा नामदेव ने प्रगति प्रतिवेदन और स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। सत्र संचालन उप कुलसचिव अकादमी डॉ कुसुम कुमारी सिंह ने किया।
दीक्षांत समारोह आयोजन का प्रारंभ विद्वत शोभा यात्रा से हुआ, जिसमें प्रबंध मंडल, विद्या परिषद और अतिथि शामिल हुए। शोभा यात्रा के मंच आगमन पर राष्ट्र गान, अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन,कुलगीत प्रस्तुत किया गया। कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने मुख्य अतिथि श्री रितेश्वर जी महाराज वृन्दावन का सम्मान किया। कुलसचिव नीरजा नामदेव ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि, कुलपति का सम्मान किया। अपने स्वागत भाषण में उन्होंने ग्रामोदय विश्वविद्यालय की विकास यात्रा के रूप में प्रगति प्रतिवेदन का वाचन किया। कुलपति प्रो भरत मिश्रा ने उपाधि प्राप्त कर्ताओं को दीक्षांत शपथ दिलाई और उनके मंगलमय जीवन की कामना की। इस अवसर पर संकाय अधिष्ठाता गणों ने उपाधि प्राप्त करने वालों का खाका प्रस्तुत करते हुए कहा कि इन विद्यार्थी गणों ने उपाधि प्राप्त करने के लिए आवश्यक योग्यता अर्जित कर ली है। तत्पश्चात अतिथियों ने विभिन्न पाठ्यक्रमों के 16 टापर छात्रों और 24 छात्राओं को गोल्ड मैडल प्रदान किए। बीएस सी कृषि की टापर छात्रा श्रेया तिवारी को नाना जी देशमुख स्मृति मैडल भी प्रदान किया गया। नाना जी देशमुख स्मृति मैडल कर्नाटक माता जी द्वारा प्रायोजित किया गया है। विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे शोध कर्ता 68 छात्र छात्राओं को पीएचडी की उपाधि अतिथियों ने प्रदान की गई।इस हेतु कृषि संकाय के अधिष्ठाता प्रो देव प्रभाकर राय ने 12 शोध कर्ताओं को पीएचडी और 171 विद्यार्थियो को यूजी पीजी की डिग्री,कला संकाय के अधिष्ठाता प्रो नंद लाल मिश्रा ने 32 को पीएचडी और 258 को यूजी पीजी डिग्री, अभियांत्रिकी संकाय के अधिष्ठाता डॉ आञ्जनेय पांडेय ने 4 को पीएचडी और 48 को यूजी डिग्री, प्रबंधन संकाय के अधिष्ठाता प्रो अमर जीत सिंह ने 9 को पीएचडी और 97 को यूजी पीजी डिग्री, विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रो आई पी त्रिपाठी ने 11 को पीएचडी और 190 को यूजी पीजी डिग्री तथा निदेशक दूरवर्ती डॉ कमलेश थापक ने यूजी पीजी का विवरण प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर परम पूज्य सद्गुरु श्री विश्वेश्वर जी महाराज पीठाधीश्वर आनंदम धाम पीठ श्री धाम वृंदावन ने अपने आशीर्वचन में कहा कि नानाजी देशमुख द्वारा परिकल्पित देश के पहले ग्रामोदय विश्वविद्यालय से उपाधि लेकर जाने वाली विद्यार्थी को भारत के विकास और मानवता के विकास के लिए काम करना चाहिए इससे तनाव रहित जीवन और बसुधैव कुटुंबकम के नारे को यथार्थ का धरातल मिल सकेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सशक्त भारत के निर्माण के लिए विश्वविद्यालय से उपाधि प्राप्त करने विद्यार्थी नाना जी के स्वप्न को साकार करने में सार्थक कदम उठाएंगे। महाराज श्री नाना जी के कामों को याद करते हुए कहा कि नानाजी ने आर्थिक पैकेज और सत्ता की लालच से दूर हटकर ग्रामोदय की संकल्पना की थी। हम सबको इस दिशा में अपना सार्थक योगदान करना चाहिए।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक मध्य प्रदेश के कुलपति प्रोफेसर प्रकाश मणि त्रिपाठी ने दीक्षांत उद्बोधन में कहा कि ग्रामोदय विश्वविद्यालय के प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि मुझे विश्वास है कि विश्वविद्यालय अपने लक्षण के अनुरूप देश के मानक विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा मनुष्य के विकास की अति महत्वपूर्ण कुंजी है। शिक्षा का लक्ष्य आत्मोन्नति , सर्वोन्नति और राष्ट्रोन्नती होना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के दौर पर इस दिशा में सशक्त प्रयास हो रहे हैं। विद्यार्थी के गुणों का बखान करते हुए उन्होंने कहा कि उसे जिज्ञासु, रचनाशील और संकल्पबद्ध होना चाहिए। प्रो त्रिपाठी ने तकनीकी और संचार युग की दौड़ में भारतीय संस्कृति को बचाए रखने के लिए भी विद्यार्थियों को सजक रहने की सलाह दी।उन्होंने कहा कि जीवन में निरंतर वृद्धि के लिए मातृशक्ति, मातृसंस्था और मातृभूमि के उपकार को कभी नहीं भूलना चाहिए।
कुशा भाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर छत्तीसगढ़ के कुलपति प्रोफेसर बलदेव भाई शर्मा ने कहा कि भारत के स्वाधीन होने पर राष्ट्र के विकास की संकल्पना रखी गई थी। सरकारी स्तर ने इसे ठीक से क्रियान्वित नहीं किया गया था। नानाजी देशमुख ने गोंडा और चित्रकूट में इसे ग्रामोदय के रूप में साकार कर दिखाया ।मुझे खुशी है कि नानाजी देशमुख द्वारा स्थापित महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय नानाजी के विचारों के अनुरूप अपने काम को आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल कैरियर नहीं बल्कि सामाजिक दायित्व का बोध कराती है। विद्यार्थियों को शिक्षा का मानक केवल बड़ी नौकरी, बड़ा पैकेज नहीं मानना चाहिए। शिक्षा विद्यावान बनाती है। विवेकशील बनती है जीवन को संस्कारवान बनाती है। इस गौरवशाली उद्देश्य को आत्मसात कर विद्यार्थियों को सामाजिक योगदान करना चाहिए। दीक्षांत की आयोजनों से यही सीख विद्यार्थियों को दी जाती है। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय से पढ़कर जाने वाले विद्यार्थियों को ग्रामोदय संकल्पना के अनुसार गांव और गांव में रहने वाली आबादी के उत्थान की दिशा में काम करना चाहिए। अध्यक्षता कर रहे कुलपति प्रोफेसर भारत मिश्रा ने विकसित भारत के लक्ष्य की दिशा में विद्यार्थियों को सजकता के साथ काम करने की सलाह दी। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और विद्वत यात्रा के प्रस्थान के साथ हुआ। इस अवसर पर दीन दयाल शोध संस्थान के राष्ट्रीय सचिव अभय महाजन सहित प्रबंध मंडल के सदस्य, विद्या परिषद के सदस्य, संत महात्मा, गणमान्य नागरिक, ग्रामोदय विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी और विद्यार्थी गण मौजूद रहे।

जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट मध्य प्रदेश

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