धरने पर बैठे तुलसी प्रज्ञाचक्छु दिव्यांग उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक और कर्मचारी
1 min readचित्रकूट – जगद्गुरु श्रीरामभद्राचार्य जी महाराज द्वारा स्थापित तुलसी प्रज्ञाचक्छू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक और कर्मचारी विद्यालय परिसर में धरने पर बैठे हुए हैं।कारण यह है कि जगद्गुरु श्रीराम भद्राचार्य जी महाराज अपने उत्तराधिकारी रामचंद्र दास उर्फ जय मिश्रा के बहकावे में आकर अपनी ही जबान से पलट गए हैं।ऐसा हम नहीं कह रहे हैं,बल्कि जगद्गुरु द्वारा संचालित तुलसी प्रज्ञाचछू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक और कर्मचारी यह आरोप लगा रहे हैं।
विद्यालय के शिक्षको और कर्मचारियों सहित धरने पर बैठी विद्यालय की प्राचार्य निर्मला वैष्णव द्वारा जगद्गुरु श्रीरामभद्राचार्य जी महाराज के उत्तराधिकारी रामचंद्र दास उर्फ जय मिश्रा के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा गया कि यह सारा षड्यंत्र रामचंद्र दास द्वारा रचा गया है।उत्तराधिकारी रामचंद्र दास अपने व्यक्तिगत स्वार्थों के चलते नही चाहते हैं कि विद्यालय सरकारी हो।और इसी कारण से रामचंद्र दास के द्वारा जगद्गुरु को भी बहका दिया गया है।विद्यालय के शिक्षक प्रेमलाल मिश्रा द्वारा जानकारी देते हुए कहा कि हम लोग चाहते हैं कि विद्यालय सरकारी हो जाए,और लगभग हो भी गया था।बस केवल कुछ अचल संपत्ति थी।जिसे देना बाकी रह गया था। बीते 15 अगस्त को जगद्गुरु जी आए।और उन्होंने कहा कि अगले 15 अगस्त को यहां पर ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलपति आकर ध्वजा रोहण करेंगे।लेकिन पांच मिनट बाद अचानक उत्तराधिकारी रामचंद्र दास जगद्गुरु के कान में कुछ कहते हैं,और जगद्गुरु यह घोषणा कर देते हैं कि मैं यह विद्यालय सरकार को नहीं दूंगा।प्रेमलाल मिश्रा कहते हैं कि हम सब शिक्षक,कर्मचारी और छात्र यह आशा लगा कर बैठे हुए थे कि विद्यालय अब सरकारी हो रहा है,तब सरकारी हो रहा है।लेकिन रामचंद्र दास के लालच के चलते जगद्गुरु अचानक पलट गए ।गौर तलब है कि जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज द्वारा विद्यालय को चलाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार को दे दिया था।जिसके बाद प्रदेश की सरकार द्वारा कर्मचारियों और छात्रों के लिए 3 करोड़ 12 लाख रुपए की राशि भी स्वीकृत कर दी गई थी।लेकिन अब रामचंद्र दास के बहकावे में आकर जगदगुरु अपनी जबान से पलट गए हैं। जिसके कारण हम सब लोग धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हैं।हमारी सरकार से मांग है कि दिव्यांग छात्रों सहित कर्मचारियों का हित देखते हुए शीघ्र ही विद्यालय का सरकारी करण किया जाय।इसके लिए हम सब की तरफ से राज्यपाल महोदय को ज्ञापन भी भेजा जा रहा है।
जावेद मोहम्मद विशेष संवाददाता भारत विमर्श चित्रकूट मध्य प्रदेश