सावन में भगवान शिव पर क्यों चढ़ाते हैं धतूरा,जानें इसका महत्व
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सावन का महीना शुरू हो चुका है। सभी भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के फूल और नैवेद्य आदि अर्पित कर रहे हैं, लेकिन क्या आपको पता है, भगवान शिव का प्रिय फल धतूरा के बारे में, अगर नहीं तो आइये जानते हैं आखिरकार धतूरा क्या है और भगवान शिव को क्यों पसंद है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव को कई सारी सामग्री प्रिय हैं, जिसमें से खासतौर पर बेलपत्र, भांग, आंकड़ा, कर्पूर, दूध, चंदन, चावल, भस्म, रुद्राक्ष और धतूरा है। ऐसी मान्यता है कि इन चीजों को भोलेनाथ पर अर्पित करने से वे अपने भक्तों पर अति प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही उन भक्तों की सारी मनोकामना पूर्ण भी करते हैं। तो आज इस खबर में जानेंगे आखिरकार धतूरा भगवान शिव को क्यों प्रिय होता है और धतूरा क्या है। इसके साथ ही इसके महत्वों के बारे में भी जानेंगे।
जानें धतूरा क्या है और इसके महत्व
धतूरा आमतौर पर एक जहरीला और जंगली फल माना गया है। इसे एक कांटेदार फल भी कहा जाता है, जो भगवान शिव पर अर्पित किया जाता है। धतूरे का धार्मिक महत्व इतना अधिक है कि इस शिवलिंग पर चढ़ाते समय जातक के मन से कड़वाहट समाप्त हो जाती है। मन शुद्ध और जीवन से कटुता दूर हो जाती है।
क्यों पसंद है भोलेनाथ को धतूरा
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव को धतूरा अत्यंत प्रिय है। इसके पीछे का कारण पुराणों में बताया गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान भोलेनाथ कैलाश पर्वत पर रहते हैं, जो अत्यंत ठंडा क्षेत्र है। वैज्ञानिक मान्यताओं के अनुसार, धतूरा औषधि और शरीर को ऊष्मा प्रदान करती है। वैज्ञानिकों के आधार पर धतूरे का इस्तेमाल सीमित मात्रा में लिया जाए, तो यह औषधि काम करता है, जो शरीर को अंदर से गर्म रखता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सागर मंथन के दौरान निकलने वाला हलाहल विष को भगवान शिव ने पी लिया था। तब उस समय उन्हें व्याकुलता होने लगी थी। तब ऋषियों ने भांग धतूरा और बेल से औषधी बनाकर भगवान शिव को पिलाया था। उसी समय से भगवान शिव को धतूरा प्रिय हो गया है।

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