प्रदेश के जनजातीय विद्यार्थियों ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग’ किया
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– जनजातीय कार्य विभाग द्वारा योग दिवस के अवसर पर ‘वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग’ थीम पर प्रदेश स्तरीय आयोजन
– विद्यार्थियों व स्टाफ ने योग, स्वास्थ्य, खान-पान, दिनचर्या एवं जीवन आनंद को लेकर लिया संकल्प
भोपाल | विश्व योग दिवस 2023 के अवसर पर बुधवार को जनजातीय कार्य विभाग द्वारा ‘वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग’ थीम पर ‘आज़ादी के अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत प्रदेश स्तरीय आयोजन किया गया। विभाग के प्रदेश के विभिन्न जनजातीय बाहुल्य जिलों में स्थित कार्यालयों, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय, कन्या शिक्षा परिसर, आदर्श आवासीय विद्यालय, सी.एम. राइज विद्यालय, शिक्षण संस्थान, छात्रावास, आश्रम एवं मैपसेट केन्द्रों पर यह आयोजन किए गए। विभाग द्वारा संचालित बावड़िया कलां भोपाल स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय (गुरुकुलम्) में विद्यालयीन 32 सहयोगियों व जनजातीय विद्यार्थियों के लिए विशेष योग अभ्यास आयोजित किया गया।
भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय की राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति (नेस्ट) के द्वारा जारी निर्देशानुसार आयोजन किया गया। इसमें भारत सरकार के आयुष मंत्रालय द्वारा निश्चित सामान्य योग अभ्यास (प्रोटोकॉल) की पुस्तिका अनुसार योग की जानकारी, सात्विक विचार व भोजन, प्रार्थना, सदिलज, चालन क्रिया, शिथिलीकरण अभ्यास और योग के 20 आसनों का अभ्यास करवाया गया। इसके बाद योगाचार्य गोविन्द पाटीदार ने कपालभाति, प्राणायाम, ध्यान, संकल्प और शांति पाठ करवाया गया। विद्यालय के प्राचार्य डॉ. यशपाल सिंह ने योगाभ्यास के बाद अपने संबोधन में कहा कि योग को हमें अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना होगा। अगर शिक्षक व विद्यालय स्टाफ योग, स्वास्थ्य, खान-पान, दिनचर्या एवं जीवन आनंद को लेकर आदर्श पालन करेंगे तो विद्यार्थियों में स्वयं ही वह अच्छी आदत व प्रकृति विकसित होगी। इस अवसर विद्यालय के खेल व व्यायाम प्रशिक्षक जसविंदर सिंह ने विद्यार्थियों व स्टाफ को योग, स्वास्थ्य, खान-पान, दिनचर्या एवं जीवन आनंद को लेकर संकल्प करवाया।
ये योगाभ्यास किएः ग्रीवा चालन, स्कंध संचालन, कटि संचालन, घुटना संचालन, ताड़ासन, वृक्षासन, पदहस्तासन, अर्ध चक्रासन, त्रिकोणोसन, भद्रासन, वज्रासन, अर्ध उष्ट्रासन, शशकासन, उत्तानमंडूकासन, वक्रासन, मकरासन, भुजंगासन, शलभासन, सेतुबंधासन, उत्तानपादासन, अर्ध हलासन, पवनमुक्तासन, शवास