May 15, 2024

आंधी से खंडित हुईं सप्तऋषि की 6 मूर्तियां

1 min read
Spread the love

उज्जैन – उज्जैन में रविवार शाम तेज आंधी के चलते महाकाल लोक कॉरिडोर में स्थापित कई मूर्तियां गिर कर टूट गईं. पिछले साल अक्टूबर में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकाल लोक कॉरिडोर परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन किया था. इस परियोजना की कुल लागत 856 करोड़ रुपये है जिसमें पहले चरण 351 करोड़ रुपये में पूरा हुआ।

रविवार शाम अचानक तूफानी हवाओं के चलते महाकाल लोक में बनी सप्तऋषियों की मूर्तियों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. इनमें से कई मूर्तियां जमीन पर गिर गईं तो कई मूर्तियों के हाथ और सिर टूट गए. रविवार होने के चलते बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल लोक पहुंचे हुए थे. हालांकि, राहत की बात यह है कि इतने नुकसान के बाद भी किसी श्रद्धालु को चोट नहीं आई।

दरअसल, 10 से 25 फीट ऊंची ये मूर्तियां लाल पत्थर और फाइबर रेनफोर्स प्लास्टिक से बनी हैं. इन पर गुजरात की एमपी बाबरिया फर्म से जुड़े गुजरात, ओडिशा और राजस्थान के कलाकारों ने कारीगरी की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2022 को उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के नए परिसर ‘महाकाल लोक’ का लोकार्पण किया था. जिसके बाद देश विदेश से लगातार श्रद्धालु महाकाल लोक को निहारने पहुंचते हैं. लेकिन महाकाल लोक में हुए गुणवत्ताहीन निर्माण की पोल जरूर खुल गई. घटना की जानकारी मिलने के बाद जिला कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम मौके पर पहुंचे और मूर्तियों को पुनः स्थापित करने के निर्देश दिए। तो वहीं उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि महाकाल लोक कॉरिडोर में कुल 160 मूर्तियां स्थापित हैं. उनमें से ‘सप्तऋषियों’ की छह मूर्तियां, जो लगभग 10 फीट ऊंची थीं, रविवार शाम 4 बजे के आसपास तेज हवाओं के कारण गिर गईं और क्षतिग्रस्त हो गईं. उन्होंने कहा कि ये क्षतिग्रस्त मूर्तियां महाकालेश्वर मंदिर के अंदर नहीं, बल्कि इसके चारों ओर विकसित महाकाल लोक कॉरिडोर में स्थित थीं. कॉरिडोर की देखरेख का जिम्मा पांच साल तक इसको बनाने वाली कंपनी के पास ही है, इसलिए मूर्तियों को फिर से स्थापित किया जाएगा. उन्होंने बताया कि गुजरात की कंपनियां मूर्तियां बनाने और कॉरिडोर बनाने के काम में लगी हैं। अब इस घटना ने कांग्रेस को बीजेपी सरकार पर निशाना साधने का मौका दे दिया है. राज्य के मुख्य विपक्षी दल ने परियोजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है और निर्माण की गुणवत्ता की जांच की मांग उठाई है।

अत्यंत करुण दृश्य- कमलनाथ

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने एक ट्वीट में कहा, मध्य प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जब उज्जैन में महाकाल मंदिर परिसर का भव्य निर्माण करने का संकल्प लिया था तब इस बात की कल्पना नहीं की थी कि बाद की सरकार महाकाल लोक के निर्माण में भी गंभीर अनियमितता करेगी. आज जिस तरह से महाकाल लोक परिसर में आंधी चलने से देव प्रतिमाएं जमीन पर गिर गईं, वह दृश्य किसी भी धार्मिक व्यक्ति के लिए अत्यंत करुण दृश्य है. मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि महाकाल लोक में जो प्रतिमाएं गिरी हैं, वहां नई प्रतिमाएं तुरंत स्थापित की जाएं और घटिया निर्माण करने वालों को जांच कर दंडित किया जाए.

भ्रष्टाचार की बू आ रही – अरुण यादव

इसके अलावा, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार भगवान को भी नहीं बख्श रही है और महाकाल लोक गलियारे में आज के घटनाक्रम से भ्रष्टाचार की बू आ रही है।
वहीं, इस मामले में राजनीति करने पर BJP ने कांग्रेस पर पलटवर किया है. पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी ने मालवा क्षेत्र में तेज आंधी-तूफान का संज्ञान लिया है. फोन पर उज्जैन कलेक्टर और उज्जैन संभाग कमिश्नर से चर्चा कर निर्देशित किया है।

मुख्यमंत्री को अधिकारियों ने बताया कि आज मालवा क्षेत्र के उज्जैन एवं आसपास के इलाक़ों में तेज तूफ़ान से प्राकृतिक आपदा जैसी स्थिति उत्पन्न हुई जिसमें दुर्भाग्य से 2 लोगों की (1 उज्जैन और 1 नागदा में) मृत्यु हो गई और 3 लोग घायल हुए. लगभग 50 वृक्ष और बहुत से बिजली के खंभे उखड़े हैं।

श्री महाकाल लोक में 155 प्रतिमाएं हैं जिनमें से 6 खंडित हुई हैं, ये सभी डिफेक्ट लायबिलिटी पीरियड के तहत कांट्रेक्टर द्वारा नयी स्थापित की जाएंगी।

ऐसी प्राकृतिक आपदा की स्थिति में जहां तेज आंधी-तूफान में तीन लोगों की मृत्यु हुई हो, लोग घायल हुए हो वहां कांग्रेस मध्यप्रदेश के लोगों के साथ खड़े होने की बजाए राजनीति कर रही है और बिना किसी तथ्य को सामने रखे सिर्फ़ भ्रम फैलाने का काम कर रही है।
बता दें कि महाकाल लोक कॉरिडोर 900 मीटर लंबा है. इस कॉरिडोर में 160 मूर्तियां हैं, जो भगवान शिव और ऋषियों के अलग-अलग रूपों को दिखाती हैं. यहां दो भव्य प्रवेश द्वार- नंदी द्वार और पिनाकी द्वार बने हैं. इसमें त्रिशूल के डिजाइन के 108 स्तंभ हैं. साथ ही शिव पुराण की कहानियों को दर्शाने वाले 50 भित्ति चित्र बनाए गए हैं.

राजस्थान के बंसी पहाड़पुर से मंगाए गए खास बलुआ पत्थर कोरिडोर में लगाए हैं. राजस्थान, गुजरात और ओडिशा के कलाकारों ने इस कॉरिडोर को तैयार किया है. यहां पर कालिदास के ‘अभिज्ञान शकुंतलम’ में उल्लेखित बागवानी प्रजातियों को भी गलियारे में लगाया गया है. इसमें रुद्राक्ष, बकुल, कदम, बेलपत्र और सप्तपर्णि जैसी धार्मिक महत्व वाली 40-45 प्रजातियां हैं।

भारत विमर्श भोपाल मध्य प्रदेश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved Powered By Fox Tech Solution | Newsphere by AF themes.